केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को दी मंजूरी, हर साल खर्च होंगे 24,000 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी, जिसमें हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ा निवेश होगा।
केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है। यह योजना अगले छह वर्षों तक लागू रहेगी और इसके तहत हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, भंडारण और सिंचाई सुविधाओं को बेहतर बनाना तथा टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के प्रमुख पहलू
केंद्र सरकार ने इस योजना के माध्यम से 36 मौजूदा कृषि योजनाओं को एकीकृत किया है। शुरुआत में यह योजना 100 जिलों में लागू की जाएगी, जहां फसल विविधीकरण, पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट, और स्थायी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि योजना से फसल कटाई के बाद भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी, सिंचाई नेटवर्क सुधरेगा और किसानों की उत्पादकता में वृद्धि होगी। इस योजना से लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभ मिलने की उम्मीद है।
नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को 7,000 करोड़ रुपये निवेश की अनुमति दी है। यह निवेश कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) के माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी NTPC को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश करने की मंजूरी मिली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने इस रणनीतिक निर्णय को मंजूरी दी है, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा और विकास में तेजी आएगी।
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