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Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत के दिन कुंवारी कन्याएं इस विधि से पूजा करें, तो मनचाहा वर मिलेगा!

Pradosh Vrat 2025: हिंदूओं का प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। विधि-विधान से इस दिन व्रत और पूजा करने पर भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है।

Pradosh Vrat 2025 March: हिंदू धर्म में त्रयोदशी तिथि बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष का व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। प्रदोष व्रत हफ्ते में जिस दिन वार होता है उसके नाम से जाना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का व्रत और पूजन विधि-विधान से किया जाता है। स दिन प्रदोष काल में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन विधि-विधान से पूजा और उपवास करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में आ रहे कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। इस व्रत को करने से कोई भी मनोकामना पूरी होती है। जीवन में खुशी और शांति रहती है। इस व्रत को करने से शादी में खुशी मिलती है। प्रदोष का व्रत भी कुंवारी कन्याओं के लिए विशिष्ट माना जाता है। इस दिन व्रत और विधि-विधान से शिवजी का पूजन करने से कुंवारी कन्याओं को उनका मनचाहा वर मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन किस विधि से कुंवारी कन्याओं को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार 27 मार्च को देर रात 1 बजकर 43 मिनट पर चैत्र माह की त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। वहीं त्रयोदशी तिथि 27 मार्च को रात 11 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगी। यही कारण है कि 27 मार्च को प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। ये प्रदोष व्रत गुरुवार को होगा, इसलिए इसे गुरुवार प्रदोष व्रत कहा जाएगा। ये चैत्र महीने का पहला प्रदोष है। 27 मार्च को पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा। 9 बजे 12 मिनट तक चलेगा।

इस विधि से कुंवारी कन्याएं पूजा करें

कुंवारी कन्याओं को प्रदोष व्रत के दिन सबसे पहले प्रातः स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ कपड़े पहनना चाहिए। इसके बाद आपको शिवलिंग पर जल अर्पित करना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना आवश्यक है। उन्हें धतूरा, दूध, भांग, गंगाजल आदि चढ़ाना चाहिए। धुप-दीपों को जलाना चाहिए। ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप करें। प्रदोष व्रत कथा और शिव चालीसा पढ़ना चाहिए। अंत में भगवान की आरती करनी चाहिए। गरीब और जरूरतमंद लोगों में अन्न, धन और वस्त्रों आदि का दान करना चाहिए।

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