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प्रदोष व्रत 2026: 1 जनवरी को साल का पहला गुरु प्रदोष, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

प्रदोष व्रत 2026: 1 जनवरी को गुरु प्रदोष व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा का सही समय। भोलेनाथ की कृपा पाएं।

साल का पहला प्रदोष व्रत 1 जनवरी 2026 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से गुरु प्रदोष व्रत का महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का अवसर प्रदान करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को ज्ञान, शिक्षा, धन, धर्म और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

गुरु प्रदोष व्रत 2026 की तारीख और महत्व

प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस बार यह व्रत गुरुवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे गुरु प्रदोष या बृहस्पति प्रदोष कहा जाएगा। पुराणों में कहा गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में शिव प्रतिमा का दर्शन और पूजा करने वाले की सभी समस्याओं का निवारण होता है।

गुरु प्रदोष व्रत को आध्यात्मिक उन्नति और धर्मज्ञान की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन व्रत करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव, समृद्धि और मानसिक शांति आती है।

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गुरु प्रदोष व्रत 2026 का शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि आरंभ: 1 जनवरी 2026, मध्यरात्रि 1:47 बजे

त्रयोदशी तिथि समापन: 1 जनवरी 2026, रात 10:22 बजे

प्रदोष काल: शाम 5:35 बजे से रात 8:19 बजे तक

पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:35 बजे से रात 8:19 बजे तक

इस दिन भक्त शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं। खास तौर पर, इस समय की गई पूजा विशेष फलदायक मानी जाती है।

गुरु प्रदोष व्रत का महत्व

गुरु प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि धन, शिक्षा और सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। पुराणों में वर्णित है कि व्रत के दौरान शिवजी को फूल, धूप, दीप और जल अर्पित करने से सभी संकट दूर होते हैं।

भक्तों के लिए यह व्रत व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना का विशेष अवसर है, जिससे उनका जीवन समृद्धि और ज्ञान से परिपूर्ण होता है।

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