प्रयागराज में गंगा-यमुना का जलस्तर खतरे के करीब, बाढ़ प्रभावितों की संख्या बढ़ी, राहत शिविरों में भीड़
प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गंगानगर, अशोक नगर, छोटा बघाड़ा, बेली, राजापुर समेत दर्जनों बस्तियां बाढ़ की चपेट में आ चुकी हैं। बाढ़ प्रभावितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों में भीड़ बढ़ती जा रही है।
सिंचाई विभाग के अनुसार, गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.39 मीटर और यमुना का जलस्तर नैनी में 84.9 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि खतरे का निशान 84.734 मीटर है। जलस्तर में वृद्धि जारी है और दो हजार से अधिक परिवार बाढ़ की वजह से प्रभावित हो चुके हैं। प्रशासन ने छह राहत शिविर खोलकर बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया है।
अशोक नगर, नेवादा, राजापुर, बेली, सलोरी और बघाड़ा इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां बाढ़ के पानी ने नालों और बस्तियों में घरों तक पानी भर दिया है। लोग अपने कीमती सामान को ऊपरी मंजिलों पर शिफ्ट कर रहे हैं और हजारों लोग पलायन कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
प्रयागराज प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की बार-बार अपील की है। माइक से भी प्रभावित इलाकों में इस संबंध में सतत संदेश दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, नावें और मोटरबोट भी बचाव कार्यों में लगाए गए हैं।
विशेष राहत शिविर
मम्फोर्डगंज के सेंट जोसेफ बालिका स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ितों ने शरण ली है। प्रशासन ने उनकी मांगों को स्वीकार करते हुए स्कूल में रहने और खाने की व्यवस्था की है। इसके अलावा, पास के महबूब अली शिविर में भी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
भविष्य की संभावना
जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना है। इसलिए प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने और आपात स्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
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