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President ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मंगलगिरी के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

President ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मंगलगिरी के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया

President Smt. Draupadi Murmu ने आज (17 दिसंबर, 2024) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, मंगलगिरी, आंध्र प्रदेश के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लिया।

President ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी उच्च शैक्षणिक संस्थान का आरंभिक बैच उस संस्थान की पहचान बनाता है। राष्ट्रपति ने एमबीबीएस के पहले बैच के स्नातकों से कहा कि वे चिकित्सा जगत, समाज, देश और विदेशों में एम्स मंगलगिरी के प्रथम ब्रांड एंबेसडर हैं।

President ने डॉक्टरों से कहा कि चिकित्सा पेशा का चयन कर उन्होंने मानवता की सेवा का मार्ग चुना है। उन्होंने डॉक्टरों को सफल होने और सम्मान हासिल करने के लिए तीन सामान्य बातों – सेवा, ज्ञानअर्जन और अनुसंधान अभिविन्यासों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रसिद्धि और धन के बीच चयन करना पड़े तो उन्हें प्रसिद्धि को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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President ने संबोधन में कहा भारतीय डॉक्टरों ने अपनी प्रतिभा और कड़ी मेहनत से दुनिया के विकसित देशों में अग्रणी मुकाम हासिल किया है। दूसरे देशों से लोग बेहतर चिकित्सा के लिए भारत आते हैं। भारत वैश्विक पटल पर सस्ते चिकित्सा पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और डॉक्टरों की इसमें प्रमुख भूमिका रही है।

President श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हमारी परंपरा में दीर्घायु, रोग मुक्त और स्वस्थ रहने की प्रार्थना की जाती है। उन्होंने कहा कि जीवन और स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यह दृष्टिकोण समग्र स्वास्थ्य पर केंद्रित है। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई है  कि मंगलगिरी एम्स का आदर्श वाक्य सकल स्वास्थ्य सर्वदा समग्र स्वास्थ्य सेवा और सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा के आदर्शों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना और सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करना इस संस्थान के प्रत्येक चिकित्सा पेशेवरों का मार्गदर्शक सिद्धांत होना चाहिए।

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President श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान को बदलते समय और परिस्थितियों के अनुसार नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और इके लिए नए समाधानों की आवश्यकता होती है, मंगलगिरी स्थित एम्स की साइटोजेनेटिक्स (ऊतक, रक्त, रक्त मज्जा, या संवर्धन कोशिका) प्रयोगशाला इसी दिशा में किया गया प्रयास है। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान इस प्रयोगशाला के उपयोग से नए अनुसंधान और उपचार विकसित करेगा।

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