
बच्चों से भीख मंगवाना अपराध: अब पंजाब में अगर कोई बच्चा भीख मांगते हुए पाया गया तो उसके अभिभावक या संरक्षक को सजा हो सकती है। जानें नया बाल सुरक्षा कानून और इसकी सजा।
बच्चों से भीख मंगवाना अपराध: पंजाब सरकार ने बाल सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब अगर कोई बच्चा भीख मांगते हुए पाया गया, तो उसके अभिभावक या संरक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला बाल अधिकार संरक्षण आयोग और महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशों के बाद लिया गया है। सरकार का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाना है, न कि उन्हें सड़क पर मजबूर होकर भीख मांगते देखना।
क्या है नया कानून?
नए नियम के अनुसार, अगर कोई बच्चा सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगता पाया जाता है, तो उसके माता-पिता, अभिभावक या देखभाल करने वाले वयस्क के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) और बाल श्रम निषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने वालों को जुर्माना, चेतावनी या जेल की सजा भी हो सकती है।
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भीख मांगने वालों पर विशेष निगरानी अभियान
राज्य के विभिन्न जिलों में बाल संरक्षण इकाइयों द्वारा सड़क पर भीख मांगते बच्चों की पहचान के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत नाबालिगों को चिह्नित कर उन्हें पुनर्वास केंद्रों में भेजा जा रहा है, जबकि उनके अभिभावकों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
सरकार का मकसद: शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बच्चों का स्थान स्कूल और घर में होना चाहिए, न कि ट्रैफिक सिग्नल या मंदिर के बाहर। बाल अधिकारों की रक्षा करना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। बच्चों को सड़क से हटाकर शिक्षा प्रणाली से जोड़ना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है।
अभिभावकों को चेतावनी: बचपन से खिलवाड़ नहीं सहा जाएगा
सरकार ने साफ कर दिया है कि बच्चों से जबरन भीख मंगवाना या उन्हें आर्थिक साधन के रूप में इस्तेमाल करना अब संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसी स्थिति में बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप के साथ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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