पंजाब सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान (SSA) के तहत 1007 नॉन-टीचिंग स्टाफ की सेवाओं को नियमित करने और शिक्षकों को पदोन्नति का अवसर देने की मंजूरी दी। जानिए इस फैसले से किसे मिलेगा लाभ।
पंजाब सरकार ने शिक्षा विभाग में एक ऐतिहासिक और बहुप्रतीक्षित निर्णय लेते हुए ‘समग्र शिक्षा अभियान (SSA)’ के तहत कार्यरत गैर-शिक्षण कर्मचारियों (Non-Teaching Staff) की सेवाओं को नियमित (Regularize) करने की मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया, जिससे राज्य के शिक्षा ढांचे को नई मजबूती मिलने की उम्मीद है।
SSA के 1007 गैर-शिक्षण पदों का होगा सृजन
सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग में 1007 नए पदों का सृजन करने की घोषणा की है। ये पद SSA के अंतर्गत वर्षों से कार्यरत नॉन-टीचिंग स्टाफ को रेगुलर करने के लिए आरक्षित होंगे। इस फैसले से उन कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो लंबे समय से नियमित नियुक्ति की मांग कर रहे थे। अब इन्हें स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा, जिससे उन्हें वेतनमान, भत्ते और अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
शिक्षा विभाग के प्रशासन में आएगी गति
SSA कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किए जाने से शिक्षा विभाग के प्रशासनिक कार्यों में भी सुधार आएगा। अनुभवी स्टाफ के स्थायी रूप से शामिल होने से स्कूलों और शिक्षा प्रबंधन की कार्यकुशलता में वृद्धि होगी। साथ ही विभाग में स्थायित्व से जुड़े कानूनी अड़चनों का समाधान भी संभव होगा।
शिक्षकों को प्रमोशन के नए अवसर
पंजाब सरकार ने एक और अहम निर्णय में ‘पंजाब एजुकेशन सर्विस रूल्स-2018’ में संशोधन को मंजूरी दी है। अब ऐसे शिक्षक वर्ग जिन्हें पहले पदोन्नति (Promotion) का कोई अवसर नहीं मिलता था, वे भी उन्नति के पात्र होंगे।
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इन कैटेगरी के शिक्षकों को मिलेगा लाभ
इस संशोधन के तहत निम्नलिखित कैडर के शिक्षक अब पदोन्नति के लिए योग्य माने जाएंगे:
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पी.टी.आई. (एलिमेंट्री)
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प्री-प्राइमरी शिक्षक
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स्पेशल एजुकेटर (सेकेंडरी और एलिमेंट्री)
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वोकेशनल मास्टर्स
इस निर्णय से लगभग 1500 से अधिक शिक्षकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। साथ ही विभाग में नए पद खाली होने से नई शिक्षक भर्तियों का रास्ता भी खुलेगा, जिससे शिक्षित युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
सरकार का उद्देश्य: शिक्षा को बनाना बेहतर और समावेशी
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने बयान में कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यावसायिकता और स्थायित्व लाने के लिए प्रतिबद्ध है। कर्मचारियों और शिक्षकों की पुरानी मांगों को पूरा करना इसी दिशा में एक ठोस कदम है। उनका मानना है कि इससे राज्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक मजबूत, पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा।
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