पंजाब सरकार ने शहीदों के आश्रितों, दिव्यांग जवानों और वीर पुरस्कार विजेताओं की समस्याओं को घर-घर जाकर सुनने और समाधान करने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। इस पहल से पंजाब में शहीद परिवारों को राहत मिलेगी।
पंजाब सरकार ने शहीदों के आश्रितों, युद्ध में दिव्यांग हुए जवानों और वीरता पुरस्कार विजेताओं की समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ऑपरेशन विजय के दौरान शहीद हुए 65 फौजियों और घायल होकर दिव्यांग बने 22 जवानों के परिवारों की मदद के लिए अब सरकार ने घर-घर जाकर उनकी समस्याओं को समझने और उनका समाधान करने के उद्देश्य से विशेष टीमें गठित की हैं। इस पहल की शुरुआत पंजाब के ऑपरेशन विजय में शहीद हुए जवानों के आश्रितों और दिव्यांग फौजियों से की जा रही है।
डिफेंस सर्विसेस वेलफेयर निदेशालय ने जेसीओ और अन्य कर्मचारियों की टीमों का गठन किया है, जो शहीदों के आश्रितों, दिव्यांग जवानों और वीरता पुरस्कार विजेताओं के परिवारों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुनेंगी। इन टीमों का काम न केवल समस्याएं सुनना है, बल्कि संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर उनका त्वरित समाधान भी करवाना है। सभी मामलों की रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जाएगी, जिसे राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
शहीदों के आश्रितों और दिव्यांग जवानों को सिर्फ़ रक्षा संबंधित मुद्दों का सामना नहीं करना पड़ता, बल्कि वे कई बार सिविल मामलों में भी उलझ जाते हैं। पूर्व सैनिक खुशबीर सिंह दत्त के अनुसार, शहीदों के परिवार पेंशन, लाभ, स्वास्थ्य सेवा, पुनर्वास जैसे मुद्दों के साथ-साथ ट्यूबवेल कनेक्शन, जमीन और मकान के विवादों में भी फंसे रहते हैं। उनकी विधवाएं और बच्चे इन मामलों को लेकर आवश्यक मदद नहीं पा पाते। ऐसे में गठित टीमें इन सभी समस्याओं को जिलों में होने वाली त्रैमासिक बैठकों में जिला कमिश्नर (डीसी) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) के सामने रखेंगी और उनका समाधान करवाएंगी।
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शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता- पंजाब सरकार
यह पहल पंजाब सरकार की ओर से शहीदों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता का परिचायक है। सरकार का उद्देश्य है कि शहीदों के परिवारों को किसी भी न्यायसंगत मामले में परेशान न होना पड़े और उनकी समस्याओं का समय रहते समाधान हो। इस कार्य के तहत टीमों द्वारा घर-घर जाकर उनकी सुनवाई की जाएगी और आवश्यक सहयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
यह योजना न केवल शहीदों के परिवारों को राहत देने वाली है, बल्कि यह पंजाब सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी और समर्पण को भी दर्शाती है। आने वाले समय में यह पहल अन्य जिलों और अन्य शहीद परिवारों तक भी विस्तार करेगी, ताकि पंजाब के हर वीर परिवार को न्याय और सम्मान मिल सके।
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