उत्तर प्रदेशराज्य

Ram Mandir Ayodhya: प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे मुख्य अतिथि।

Ram Mandir Ayodhya राम दरबार और प्राण प्रतिष्ठा सूर्यदेव मां दुर्गा अन्नपूर्णा माता गणेश हनुमानजी के मंदिर हैं। ऐसे में, प्राण प्रतिष्ठा को सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए मुख्य आचार्य आन स्क्रीन होंगे, और उनके मार्गदर्शन में सहायक आचार्य और यजमान विभिन्न मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित निर्देशों का पालन करेंगे।

Ram Mandir Ayodhya: रामजन्मभूमि पर लगभग पांच शताब्दी पहले बनाया गया भव्य मंदिर तीन तल का है और तीन गर्भगृह भी हैं। भूतल के गर्भगृह में गत वर्ष 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करोड़ों राम भक्तों की चिर साध साकार होने के रूप में हुई। अब राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा पांच जून को प्रथम तल के गर्भगृह में होगी।

इस अवसर पर, राम मंदिर के सभी छह मंदिरों में भी अलग-अलग देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अवसर के मुख्य अतिथि होंगे, लेकिन प्रतिष्ठा समारोह दो जून को सायं सरयू तट से कलशयात्रा के प्रस्थान से शुरू होगा. यह पांच जून को पूर्वाह्न 11:25 से 11:40 बजे तक चलेगा।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तरह अन्य देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गंभीर है।

न केवल प्रतिष्ठा के मुहूर्त और मुख्य अतिथि के चयन, बल्कि प्रतिष्ठा संपन्न कराने वाले योग्य और पात्र आचार्यों का चयन किया गया

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपतराय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर आंदोलन तीन पीढ़ियों पुराना है। 1949 से ही उनके परगुरु दिग्विजयनाथ मंदिर आंदोलन में शामिल हो गए थे, जबकि उनके गुरु अवेद्यनाथ रामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ की शुरुआत से ही सक्रिय और जुड़े हुए थे। मुख्यमंत्री ने मंदिर आंदोलन को पूरे देश में फैलाने में सक्रिय भूमिका निभाई है और उन्हें सिर्फ राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आमंत्रित किया गया है।

रामजन्मभूमि परिसर से लगे ओमभवन में तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने पत्रकारों को दीनदयाल उपाध्याय नगर के जयप्रकाश के बारे में बताया, जो प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के आचार्य होंगे। उनका कहना था कि आचार्य जयप्रकाश ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमिपूजन और 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर भी आचार्य के रूप में उपस्थित किया था।

अनुष्ठान में 101 वैदिक पुरोहित होंगे। सूर्यदेव, मां दुर्गा, अन्नपूर्णा माता, गणेश, हनुमान और लक्ष्मण के मंदिरों में भी प्राण प्रतिष्ठा होगी। ऐसे में, प्राण प्रतिष्ठा को सुरक्षित रूप से संपन्न कराने के लिए मुख्य आचार्य आन स्क्रीन होंगे, और उनके मार्गदर्शन में सहायक आचार्य और यजमान विभिन्न मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठा से संबंधित निर्देशों का पालन करेंगे।

तीन व चार को सुबह 6:30 बजे से सायं 6:30 बजे तक अनुष्ठान

प्राण प्रतिष्ठा तीन जून और चार जून को सुबह 6:30 बजे से सायं 6:30 बजे तक होगी। मध्याह्न को आचार्यों-उपाचार्यों को भोजन और विश्राम का समय मिलेगा। साथ ही, पांच जून को 6:30 बजे से शुरू होने वाली पूजा पूर्वाह्न 11:40 बजे तक चलेगी। तदुपरांत पूजा, भोग, आरती संयोजित है।

राम मंदिर के सभी कोण और दो भुजा पूरे मंदिरों से ढके हुए हैं

राम मंदिर के आठ सौ मीटर लंबे आयताकार परकोटा में शिव मंदिर, गणेश मंदिर, आग्नेय मंदिर, हनुमान मंदिर, सूर्यदेव का मंदिर, मां दुर्गा का मंदिर और अन्नपूर्णा माता का मंदिर हैं। पांच जून को शिव मंदिर के अलावा परकोटा के अन्य मंदिरों में भी संबंधित देवी-देवताओं की प्रतिष्ठा होगी। शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना 31 मई को ही होगी, लेकिन इस दिन बहुत अच्छा योग है। लक्ष्मण की प्रतिमा भी पांच जून को परकोटा के बाहर दक्षिण-पश्चिम में बने शेषावतार लक्ष्मण मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी।

दर्शन के लिए इंतजार करना होगा

यद्यपि प्रतिष्ठा के साथ संबंधित मंदिरों में नियमित पूजन-भोग की व्यवस्था आरंभ हो जाएगी, किंतु श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था के लिए प्रतीक्षा करनी होगी। चंपतराय ने बताया कि श्रद्धालु किस तरह निरापद पहुंचेंगे, इस बारे में विचार के बाद ही इन मंदिरों में दर्शन शुरू हो सकेगा।

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