RBI Policy: रियल जीडीपी और महंगाई का अनुमान दे रहा अच्छा संकेत, RBI की मॉनिटरी पॉलिसी की महत्वपूर्ण बातें
RBI Policy
RBI Policy: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनिटरी पॉलिसी में भारत की आर्थिक वृद्धि की गति को अच्छी तरह से अनुमानित किया गया है, साथ ही महंगाई के लक्ष्य पर भी ध्यान दिया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति ने आज नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति में 6 सदस्यों में से 5 ने रेपो रेट और एमएसएफ बैंक दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में बहुमत से वोट दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की मीटिंग के मिनट्स का घोषणा करते हुए देश की असली जीडीपी को उचित बताया है। साथ ही, उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है और लगातार विकास की ओर बढ़ रही है।
जानें आरबीआई की मौद्रिक नीति में क्या सबसे खास बात रही
RBI Policy: आरबीआई गवर्नर ने लगातार छठी बार 6.5 प्रतिशत की नीतिगत दर को बरकरार रखा है। विभिन्न लोन, जैसे होम लोन और कार लोन, पर EMI में कोई बदलाव नहीं होगा क्योंकि रेपो दर 6.5% पर बरकरार है।
जानें देश की रियल जीडीपी के लिए क्या लक्ष्य रखा है-
RBI Policy: चालू वित्त वर्ष 2022–2023 के लिए रियल जीडीपी 7.3% रहने का अनुमान है। रियल जीडीपी दर का अनुमान सात फीसदी है, अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए। वर्तमान वित्त वर्ष की चार तिमाहियों के लिए रियल जीडीपी का अनुमान ये है
2024-25 की पहली तिमाही में 7.2%, 2024-25 की दूसरी तिमाही में 6.8%, 2024-25 की पहली तिमाही में 7%, 2024-25 की पहली तिमाही में 6.9%
रिटेल महंगाई दर का क्या अनुमान रखा गया है-
साथ ही, आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में रिटेल महंगाई दर 5.4% पर रहने का अनुमान लगाया है। साल 2024 से 25 तक रिटेल महंगाई दर (CPI) 4.5% रहने का अनुमान है। रिटेल महंगाई दर का अगले चार महीने का अनुमान जानें
2024-25 की पहली तिमाही में 5% की वृद्धि हुई, 2024-25 की दूसरी तिमाही में 4% की वृद्धि हुई, 2024-25 की पहली तिमाही में 4.6% की वृद्धि हुई, 2024-25 की पहली तिमाही में 4.7% की वृद्धि हुई।
आरबीआई पॉलिसी के अन्य पॉइंट जानें
RBI Policy: वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रुपये में सबसे कम उतार-चढ़ाव देखा गया. विनिमय दर काफी स्थिर बनी हुई है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 622.5 अरब डॉलर पर है जो सभी विदेशी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है.
वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भारत का सेवा निर्यात मजबूत रहा है.
भारत विदेश से भेजे जाने वाले धन के मामले में सबसे आगे बना रहेगा.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि रेगुलेशन के दायरे में आने वाली यूनिट्स अनुपालन की प्रकृति, कंज्यूमर प्रोटेक्शन और संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगी.
लोन मार्केट में नीतिगत दर में बदलाव का पूरा असर और लाभ अभी तक नहीं पहुंचा है.
ग्रामीण मांग में तेजी जारी है, शहरी खपत मजबूत बनी हुई है.
RBI Policy: करेंट अकाउंट डेफिसिट में उल्लेखनीय कमी
देश के चालू खाता घाटे में बहुत कमी आई है, जो 2019-2023 वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में 1% पर आ गया है। 2022-23 के वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ये 3.8% पर था।
आरबीआई गवर्नर का फाइनल कमेंट
RBI Policy: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “एमपीसी ने परिस्थितियों पर गौर करने के बाद रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखने का फैसला किया है,” मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिया गया निर्णय। इसके साथ ही, एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का अपना निर्णय भी लिया है। Global challenges के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है। जबकि महंगाई घट रही है, आर्थिक विकास दर भी बढ़ रही है। हमारी बुनियाद बलवान है। भारत की अर्थव्यवस्था ने वैश्विक चुनौतियों के बीच वित्तीय संतुलन बनाया है, जो आर्थिक विकास दर को बढ़ावा देता है।”
RBI Policy: अंतरिम बजट के अनुसार, सरकार राजकोषीय स्थिरता हासिल कर रही है। MPC रिटेल महंगाई दर को चार फीसदी के लक्ष्य पर रखने के लिए 2024-25 में भी आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार जारी रहने की उम्मीद है। 2024 तक विश्व वृद्धि दर स्थिर रहने की उम्मीद है। यह भी भारत की अर्थव्यवस्था की तेज वृद्धि है, जो अधिकांश वित्तीय विश्लेषकों के अनुमानों से अधिक है। इसलिए विश्वव्यापी अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है।
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