राजस्थान कैबिनेट ने रविवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक में अवैध धर्मांतरण रोकने हेतु ‘विधिविरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इस बिल को इस सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा। खास बात यह है कि इस विधेयक में ‘घर वापसी’ को धर्म परिवर्तन की श्रेणी से बाहर रखा गया है, यानी जो व्यक्ति अपने मूल धर्म में वापस लौटना चाहता है, उस पर इस कानून का प्रभाव नहीं होगा।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि यह बिल प्रलोभन, बल, कपट या अन्य अनुचित तरीकों से कराए जाने वाले धर्मांतरण को रोकने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। वर्तमान में राजस्थान में इस तरह का कोई विशेष कानून नहीं है, इसलिए इसे सख्ती से लागू करने के लिए यह नया प्रारूप विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
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राजस्थान सरकार का यह कदम धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर हो रहे अवैध धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उठाया गया है। मंत्री के अनुसार, यह कानून केवल गलत तरीकों से धर्मांतरण करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करेगा, जबकि किसी व्यक्ति की स्वैच्छिक ‘घर वापसी’ पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
इस बैठक में मुख्यमंत्री निःशुल्क बिजली योजना, सीवरेज नीति, स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था और राजसेस महाविद्यालयों में 4724 भर्तियों जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए। मंत्रिमंडल ने राज्य के विकास और सामाजिक कल्याण के लिए कई नई योजनाओं को मंजूरी दी है।
राजस्थान सरकार का यह नया कानून राज्य में शांति और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक साबित होगा, साथ ही धार्मिक आज़ादी के नाम पर हो रही अनैतिक गतिविधियों पर भी प्रभावी रोक लगाएगा। सरकार जल्द ही विधेयक को विधानसभा में पेश कर कानून बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
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