Shukra Pradosh Vrat 2025: सितंबर में पहला प्रदोष व्रत कब? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा के अचूक लाभ!
Shukra Pradosh Vrat 2025 तारीख और शुभ मुहूर्त
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त्रयोदशी तिथि आरंभ: 05 सितंबर 2025, सुबह 04:08 बजे
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त्रयोदशी तिथि समाप्त: 06 सितंबर 2025, तड़के 03:12 बजे
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व्रत तिथि: 05 सितंबर 2025, शुक्रवार
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शुभ प्रदोष काल: सूर्यास्त के बाद का समय (लगभग शाम 6:30 से 8:30 तक, स्थानानुसार भिन्न हो सकता है)
प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का अत्यधिक फलदायी प्रभाव माना जाता है। इस समय की गई पूजा से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि
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स्नान एवं संकल्प: व्रती सुबह शुद्ध होकर भगवान शिव का संकल्प लें।
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व्रत: दिनभर फलाहार या निर्जला व्रत रखा जा सकता है।
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पूजा समय: संध्या प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करें।
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पूजा सामग्री: गंगाजल, दूध, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भस्म आदि से शिवलिंग की अभिषेक करें।
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मंत्र जाप: “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें।
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आरती: पूजा के अंत में आरती करें और परिवार की मंगलकामना करें।
Shukra Pradosh Vrat 2025 के अचूक लाभ
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रोग और दोष से मुक्ति: प्रदोष व्रत रखने से सभी प्रकार के रोग और नकारात्मक दोष दूर होते हैं।
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सुख-समृद्धि: व्रत से घर-परिवार में सुख, शांति और धन-धान्य की वृद्धि होती है।
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मनोकामना पूर्ति: भगवान शिव की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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मोक्ष की प्राप्ति: प्रदोष व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।
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