
बिहार में AAP नेता Sanjay Singh ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को तुगलकी फरमान बताते हुए इसे तानाशाही बताया। उनका आरोप था कि बीजेपी से बाहर रहने वाले बिहारियों को मतदान से वंचित करने की साजिश चल रही है।
Sanjay Singh on Bihar Voter List Revision: राजनीतिक तनाव बिहार विधानसभा चुनाव से पहले विशेष तीव्र पुनरीक्षण (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया से बढ़ा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद Sanjay Singh ने इस प्रक्रिया को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है।
Sanjay Singh ने नागरिकता पर सवाल उठाने की प्रक्रिया को तानाशाही बताया। “एक मतदाता बनने के लिए जो आवश्यक प्रमाण होते हैं, उन्हें नहीं मानकर एक तुगलकी फरमान जारी किया गया है,” संजय सिंह ने एएनआई को बताया। यह बिल्कुल गलत है।”
बाहर रहने वालों को मतदान देने की साजिश—Sanjay Singh
Sanjay Singh ने बिहार से बाहर रहने वालों की चिंता व्यक्त की। उनका दावा था कि यह बीजेपी की गहरी साजिश है ताकि बाहरी बिहारी वोट नहीं दे सकें। “बीजेपी को पता है कि जहां उनकी सरकार है, वहां बिहारी लोगों के साथ व्यवहार ठीक नहीं रहा है,” उन्होंने कहा। जैसे दिल्ली में पूर्वांचलवासियों के घर ध्वस्त किए गए..। अब वे वोट भाजपा के खिलाफ देंगे। ऐसे लोगों को मतदान से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है।”
मतदाता सूची का पुनरीक्षण क्यों किया जा रहा है?
चुनाव आयोग ने बताया कि पुनरीक्षण अभियान का मुख्य उद्देश्य दोहराए गए या फर्जी मतदाताओं को हटाना है, खासकर उन लोगों को जो एक साथ दो स्थायी और वर्तमान पते पर दर्ज हैं। आयोग का कहना है कि केवल वे नागरिक जो वर्तमान में किसी क्षेत्र में रह रहे हैं, उन्हें ही उस क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल किया जाना चाहिए।
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