संजीव अरोड़ा ने औद्योगिक नीति सुधार के लिए 15 नई क्षेत्रीय समितियों का गठन किया, जो उद्योग विशेषज्ञों के सुझावों से व्यापार सुगमता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी।
संजीव अरोड़ा ने राज्य की औद्योगिक नीति को और मजबूत बनाने तथा व्यापार सुगमता में सुधार लाने के लिए 15 नई क्षेत्रीय समितियों का गठन किया है। इस घोषणा को पंजाब के कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में किया, जिससे अब कुल समितियों की संख्या 24 हो गई है। यह समितियां उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से मिलकर बनी हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र के लिए विशेष नीतिगत सुझाव सरकार को देंगे।
विशिष्ट क्षेत्रीय समितियों की भूमिका और अध्यक्ष
नई समितियां आईटी, साइकिल उद्योग, ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स, इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा, इस्पात और रोलिंग मिल, प्लास्टिक व रासायनिक उत्पाद, लॉजिस्टिक्स, फिल्म मीडिया, फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक्नोलॉजी, विश्वविद्यालय, अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा, स्टार्टअप, खुदरा और इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। प्रत्येक समिति के अध्यक्ष उद्योग जगत के अनुभवी लोग हैं, जैसे प्रताप अग्रवाल (आईटी), ओंकार सिंह पाहवा (साइकिल), परितोष गर्ग (ऑटो), इंद्रवीर सिंह (इलेक्ट्रिक वाहन) आदि।
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सरकार की औद्योगिक सुधार रणनीति
कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि प्रत्येक समिति का उद्देश्य पंजाब की विशिष्ट औद्योगिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, बेहतर औद्योगिक नीति बनाने के लिए व्यापक और व्यवहारिक सुझाव देना होगा। ये समितियां देश के अन्य राज्यों की नीतियों का विश्लेषण कर पंजाब के लिए सर्वश्रेष्ठ मॉडल तैयार करेंगी। सभी समितियों को 1 अक्टूबर 2025 तक अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपनी होंगी।
समितियों का संगठन और प्रशासनिक सहायता
प्रत्येक समिति में एक अध्यक्ष और उद्योग विशेषज्ञ सदस्य होंगे, जिनकी संख्या आवश्यकतानुसार बढ़ाई जा सकती है। समिति की बैठकों के आयोजन और दस्तावेज़ीकरण के लिए सदस्य-सचिव की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, जिला उद्योग केंद्र और पंजाब निवेश संवर्धन ब्यूरो के अधिकारी प्रशासनिक सहयोग प्रदान करेंगे।
पहले गठित समितियां
पहले ही कताई-बुनाई, परिधान, रंगाई, खेल, मशीनरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं भारी मशीनरी जैसे क्षेत्रों के लिए नौ समितियां गठित की जा चुकी हैं। अब इन 15 समितियों के जुड़ने से पंजाब की औद्योगिक नीति को व्यापक और प्रभावशाली दिशा मिलेगी।
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