सर्व पितृ अमावस्या 2025: शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, पितृ दोष दूर होंगे सभी दुख
सर्व पितृ अमावस्या 2025 पर शिवलिंग पर चढ़ाएं गंगाजल, तिल, जौ, बिल्व पत्र और दूर्वा घास। जानें पितृ दोष से मुक्ति पाने के उपाय और इस दिन का धार्मिक महत्व।
सर्व पितृ अमावस्या 2025 का विशेष पर्व इस वर्ष 2 अक्टूबर 2025 (गुरुवार) को मनाया जाएगा। यह दिन पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जिसे महालय अमावस्या भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन विशेष पूजा और शिवलिंग पर कुछ खास चीजें चढ़ाने से न केवल पितृ दोष समाप्त होता है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का भी वास होता है।
सर्व पितृ अमावस्या 2025 की तिथि और महत्व
अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। यह दिन विशेष उन पितरों के लिए समर्पित होता है जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती या जिनका श्राद्ध किसी कारण से नहीं हो सका हो। इस दिन पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्मों के साथ भगवान शिव की पूजा का भी विशेष महत्व है।
शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें, होगा पितृ दोष से मुक्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या के दिन शिवलिंग पर निम्न वस्तुओं को अर्पित करने से पितृ दोष का नाश होता है और जीवन के दुख दूर होते हैं:
गंगाजल और कच्चा दूध
शिवलिंग पर गंगाजल और दूध से अभिषेक करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इससे पितृ दोष शांत होता है और मन को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
काले तिल और जौ
काले तिल और जौ का शिवलिंग पर अर्पण करना शनि और पितृ दोष से जुड़ी बाधाओं को दूर करता है। यह पितरों की कृपा प्राप्त करने का शक्तिशाली उपाय माना गया है।
बिल्व पत्र (बेलपत्र)
शिव जी को बिल्व पत्र अति प्रिय हैं। 108 बेलपत्र पर चंदन से “ॐ” लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। यह उपाय पुण्य बढ़ाने और दोष निवारण के लिए अत्यंत फलदायी होता है।
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दूर्वा घास
शिवलिंग पर दूर्वा घास अर्पित करने से बुद्धि का विकास होता है और शिक्षा संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। यह उपाय विद्यार्थियों और ज्ञान seekers के लिए लाभकारी है।
शमी के पत्ते
शमी का वृक्ष शनि देव और भगवान शिव दोनों को प्रिय है। शमी पत्र अर्पण करने से जीवन में आ रही रुकावटें समाप्त होती हैं और घर में सुख-शांति आती है।
सफेद पुष्प और घी का दीपक
शिवलिंग के पास सफेद फूल चढ़ाएं और शुद्ध देशी घी का दीपक प्रज्वलित करें। इससे शिव परिवार की कृपा बनी रहती है और जीवन में शुभता आती है।
पितरों की शांति के लिए करें ये कर्म
सुबह स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुख करके तर्पण करें।
ब्राह्मणों को दक्षिणा, भोजन और वस्त्र दान करें।
घर में सात्विक भोजन बनाकर पितरों को समर्पित करें।
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