सावन सोमवार व्रत कथा और शिव जी की आरती: जानें महत्व और विधि

सावन सोमवार व्रत कथा: सावन सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने का श्रेष्ठ उपाय माना जाता है। जानिए इसकी पौराणिक कथा, शिव आरती और व्रत के लाभ। पढ़ें पूरी जानकारी।

सावन सोमवार व्रत कथा: श्रावण मास आरंभ हो चुका है और 14 जुलाई 2025 को पहला सावन सोमवार व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान शिव की विशेष आराधना का समय होता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और कथा पढ़ने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। आइए जानें इस व्रत की पौराणिक कथा और शिव जी की दिव्य आरती।

सावन सोमवार व्रत कथा 

पुराणों के अनुसार, एक साहूकार और उसकी पत्नी संतान की प्राप्ति के लिए सोमवार व्रत करते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने भगवान शिव से आग्रह किया कि साहूकार की मनोकामना पूर्ण की जाए। भगवान शिव ने उन्हें पुत्र रत्न का वरदान दिया, लेकिन यह शर्त रखी कि वह पुत्र केवल 12 वर्ष तक जीवित रहेगा।

जब पुत्र 12 वर्ष का हुआ, तो उसकी मृत्यु हो गई। दुखी साहूकार ने फिर भी शिव भक्ति नहीं छोड़ी। तब भगवान शिव ब्राह्मण का रूप लेकर प्रकट हुए और बताया कि यदि वह 16 सोमवार का व्रत करेगा, तो पुत्र को जीवनदान मिलेगा। साहूकार ने पूरी श्रद्धा से व्रत किए और उसका पुत्र जीवित हो गया। तब से (सावन सोमवार व्रत कथा) सावन सोमवार व्रत को अत्यंत फलदायक माना जाता है।

शिव जी की आरती (Shiv Ji Ki Aarti in Hindi):

ॐ जय शिव ओंकारा, प्रभु जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ हर हर हर महादेव॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसासन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥

अक्षमाला बनमाला मुण्डमाला धारी
चंदन मृगमद चंदा, सोहे त्रिपुरारी॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता
जगकर्ता जगहर्ता जगपालनकर्ता॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ हर हर हर महादेव॥

सावन सोमवार व्रत के लाभ:

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