सावन सोमवार व्रत कथा: भगवान शिव की भक्ति से संतान सुख और जीवन में आएगी खुशहाली
सावन सोमवार व्रत कथा: जानिए कैसे सावन के प्रत्येक सोमवार पर भगवान शिव की पूजा और व्रत से संतान सुख, समृद्धि और खुशहाली मिलती है। इस पावन कथा को जरूर पढ़ें और शिव भक्ति का आशीर्वाद पाएं।
सावन सोमवार व्रत कथा: सावन माह हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, खासकर सावन के प्रत्येक सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। सावन सोमवार व्रत का पालन भक्तों द्वारा भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए किया जाता है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक शुद्धि का माध्यम है, बल्कि जीवन की मनोकामनाओं की पूर्ति का भी मार्ग प्रशस्त करता है। इस पावन अवसर पर सावन सोमवार व्रत कथा का श्रवण और इसका पालन करने से भक्तों को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार व्रत कथा की महिमा
सावन सोमवार व्रत कथा एक प्राचीन साहूकार की है, जिसे संतान प्राप्ति की तीव्र इच्छा थी। वर्षों तक वह भगवान शिव की पूजा करता रहा, लेकिन संतान सुख नहीं मिला। उसकी भक्ति से प्रेरित होकर माता पार्वती ने भगवान शिव से उसकी मनोकामना पूरी करने का अनुरोध किया। भगवान शिव ने उसे सपने में दर्शन देकर पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया, लेकिन साथ ही बताया कि पुत्र की आयु केवल 14 वर्ष होगी।
साहूकार का पुत्र अमर, जो बाद में काशी में शिक्षा ग्रहण करने गया, जीवन की अनेक कठिनाइयों का सामना करता है। विवाह के दौरान अमर ने एक अंधे दूल्हे की जगह लेकर एक राजकुमारी से विवाह किया, लेकिन बाद में सच्चाई बताकर राजकुमारी को परेशानी हुई। 14 वर्ष की उम्र में अमर की मृत्यु हो जाती है, लेकिन माता पार्वती और भगवान शिव की कृपा से उसे पुनः जीवनदान मिलता है।
सावन सोमवार व्रत का महत्व
यह कथा हमें यह सिखाती है कि भगवान शिव की सच्ची भक्ति और श्रद्धा से असंभव भी संभव हो सकता है। सावन के सोमवार का व्रत रखने से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और शांति भी आती है। भगवान शिव भक्तों के दुख हराकर उनकी रक्षा करते हैं। इसलिए सावन सोमवार व्रत करना हर भक्त के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
सावन सोमवार व्रत कैसे करें?
-
सावन के प्रत्येक सोमवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
-
भगवान शिव की पूजा के लिए शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत आदि चढ़ाएं।
-
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें।
-
शिव की आरती करें और ध्यान लगाएं।
-
व्रत के दिन शुद्ध आहार ग्रहण करें या निर्जल व्रत रखें।
-
श्रद्धा और निष्ठा से व्रत का पालन करें।
also read:- कामिका एकादशी 2025 दान: इन वस्तुओं के दान से मिलेगा शुभ…



