शाकंभरी नवरात्रि 2025: जानें माता शाकंभरी की 8 दिवसीय विशेष पूजा और महत्व
शाकंभरी नवरात्रि 2025: जानें माता शाकंभरी की पूजा विधि, महत्व और तारीख। 28 दिसंबर से शुरू होने वाली 8 दिवसीय नवरात्रि में मां शाकंभरी की आराधना और प्रकृति संरक्षण का महत्व पढ़ें।
शाकंभरी नवरात्रि 2025: शाकंभरी नवरात्रि माता शाकंभरी की पूजा का पर्व है। मां शाकंभरी को वनस्पति की देवी माना जाता है और ये माता भगवती का ही स्वरूप मानी जाती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां शाकंभरी धरती को अकाल और खाद्य संकट से बचाने के लिए अवतरित हुईं। इस नवरात्रि में लोग मां शाकंभरी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और प्रकृति के संरक्षण का संकल्प भी लेते हैं।
शाकंभरी नवरात्रि की तारीख
पंचांग के अनुसार, शाकंभरी नवरात्रि 28 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 3 जनवरी 2026 को समाप्त होगी। यह नवरात्रि 8 दिनों की होती है, न कि 9 दिनों की। यह पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ होती है और पूर्णिमा तक चलती है।
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शाकंभरी नवरात्रि पूजा विधि
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
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मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बोएं और 8 दिनों तक पानी छिड़कें।
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पहले दिन कलश स्थानपना करें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गंगाजल से भरा कलश रखें।
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कलश को लाल कपड़े से ढकें और उस पर जटा वाला नारियल रखें। नारियल पर लाल चुनरी और कलावा बांधें।
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मां शाकंभरी को फूल, माला, अक्षत और रोली अर्पित करें।
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इस प्रक्रिया को पूरे 8 दिनों तक दोहराएं।
शाकंभरी नवरात्रि का महत्व
शाकंभरी नवरात्रि हमें जीवन के मूल तत्वों – भोजन, जल, पेड़-पौधे और हरियाली – की महत्ता याद दिलाती है। इस पर्व के दौरान लोग प्रकृति के संरक्षण की शपथ लेते हैं और मां शाकंभरी की कृपा से जीवन में समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश की कुछ जगहों पर इस नवरात्रि को विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
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