https://support.google.com/news/publisher-center/answer/13060993
धर्म

शाकंभरी नवरात्रि 2025: जानें कब शुरू होगी शाकंभरी नवरात्रि, महत्व और पूजा विधि

शाकंभरी नवरात्रि 2025: 28 दिसंबर से शुरू, जानें मां शाकंभरी का महत्व, पूजा विधि और आशीर्वाद। 8 दिन के इस पर्व में समृद्धि और खुशहाली पाएं।

शाकंभरी नवरात्रि 2025: शाकंभरी नवरात्रि पौष माह में मनाई जाने वाली विशेष नवरात्रियों में से एक है। इस साल यह नवरात्रि 28 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 3 जनवरी 2026 तक चलेगी। यह नवरात्रि आठ दिनों की होती है और राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। यह पर्व पौष मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक मनाया जाता है। पहले दिन को बनाड़ा अष्टमी और अंतिम दिन को शाकंभरी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

मां शाकंभरी कौन हैं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां शाकंभरी देवी भगवती का ही रूप हैं। इन्हें वनस्पति और हरियाली की देवी माना जाता है। देवी शाकंभरी का अवतार पृथ्वी को अकाल और खाद्य संकट से मुक्त करने के लिए हुआ था। मां शाकंभरी को सब्जियों, फलों और हरी-भरी वनस्पति की देवी के रूप में पूजा जाता है।

also read: खरमास 2025: जानिए कब से कब तक रहेगा, किन शुभ कार्यों पर…

शाकंभरी नवरात्रि पूजा विधि

  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नित्यकर्म पूरा करें।

  2. साफ कपड़े पहनें और पूजा स्थल को साफ-सुथरा बनाएं।

  3. मिट्टी के पात्र में जौ के बीज बोकर उस पर पानी छिड़कें।

  4. शुभ मुहूर्त में कलश को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर स्थापित करें।

  5. कलश में गंगाजल भरें और आम की पत्तियां व जटा वाला नारियल रखें।

  6. नारियल पर लाल चुनरी और कलावा बांधें। फूल, माला, रोली, कपूर और अक्षत से मां की पूजा करें।

  7. नवरात्रि के अंतिम दिन घट विसर्जन करके कलश उठाएं और पूजा समाप्त करें।

शाकंभरी नवरात्रि का महत्व

इस आठ दिवसीय नवरात्रि में मां शाकंभरी की पूजा करने से अन्न-धन की वृद्धि होती है और कृषि भूमि उपजाऊ बनती है। यह पर्व विशेष रूप से किसानों और कृषि से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। मां शाकंभरी की कृपा से फसलों की समृद्धि होती है और पर्यावरण में संतुलन बना रहता है।

Related Articles

Back to top button