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Sharad Purnima 2025 Chand Time: जानिए शरद पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय और पूजन विधि

Sharad Purnima 2025 पर चांद कितने बजे निकलेगा? जानें देश के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का सटीक समय, पूजा विधि और कोजागर व्रत का महत्व।

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे कोजागर पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और उसकी चांदनी अमृत के समान होती है। इस दिन खीर बनाकर रातभर चंद्रमा की रोशनी में रखी जाती है और अगले दिन उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

इस वर्ष शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2025) 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जा रही है। यदि आप भी इस पावन अवसर पर व्रत रख रहे हैं या चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करना चाहते हैं, तो यहां जानिए देश के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का सटीक समय और पूजा विधि।

Sharad Purnima 2025: प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय (Moonrise Time)

शहर            चंद्रोदय का समय (PM)
नई दिल्ली      05:27 PM
पटना            04:56 PM
भोपाल          05:28 PM
रांची             04:56 PM
कोलकाता     04:43 PM
चंडीगढ़        04:43 PM
लखनऊ       04:43 PM
मुंबई            05:48 PM
पुणे              05:44 PM
मथुरा           05:26 PM
वाराणसी      05:05 PM
दिसपुर        04:28 PM
कानपुर        05:15 PM
गोरखपुर      05:03 PM

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Sharad Purnima 2025: चंद्रमा की पूजा विधि (Sharad Purnima Puja Vidhi)

दिन भर व्रत रखें और माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु की पूजा करें।

रात में चंद्रमा के उदय होने पर एक लोटे में दूध, चावल, जल और सफेद फूल मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।

घर में बनी चावल की खीर को चंद्रमा की रोशनी में खुले आसमान के नीचे पूरी रात रखें।

अगले दिन सुबह स्नान के बाद उस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें और व्रत का पारण करें।

शरद पूर्णिमा की खास मान्यता

ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा से अमृत तुल्य किरणें निकलती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं। इसीलिए इस दिन खीर को चांदनी में रखने का विशेष महत्व है। इसे ग्रहण करने से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

शरद पूर्णिमा व्रत का महत्व

मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।

कोजागर व्रत करने वाले रातभर जागरण करते हैं और धन-समृद्धि की कामना करते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जागरण करने पर मां लक्ष्मी स्वयं धरती पर भ्रमण करती हैं और जाग्रत भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

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