शारदीय नवरात्रि 2025: कन्या पूजन से खुश होते हैं नवग्रह, जानें नवरात्रि का ये खास उपाय
शारदीय नवरात्रि 2025 की शुरूआत हो चुकी है और भक्त माता रानी की भक्ति में मग्न हैं। नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है, जिसे ज्योतिषशास्त्र के अनुसार नवग्रहों को प्रसन्न करने वाला एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है। इस पावन अवसर पर कन्या पूजन करने से जीवन में सुख, समृद्धि, और यश की प्राप्ति होती है। आइए जानें कन्या पूजन कब और कैसे किया जाता है, और इसका नवग्रहों से क्या संबंध है।
कन्या पूजन का महत्व और नवग्रहों से संबंध
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को कन्या पूजन विशेष रूप से किया जाता है। इस दिन छोटी-छोटी कन्याओं को माता दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजा, भोजन, और सम्मान दिया जाता है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से नवग्रह प्रसन्न होते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
कन्या पूजन के दौरान दिए जाने वाले प्रसाद और पूजा सामग्री का प्रत्येक ग्रह से गहरा संबंध होता है:
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पूरी – बुध (Mercury) का प्रतीक
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आटे का हलवा – सूर्य (Sun) का प्रतीक
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काले चने – शनि (Saturn) का प्रतीक
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पैर धोना जल से – चंद्रमा (Moon) का प्रतीक
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मौली पहनाना – मंगल (Mars) का प्रतिनिधित्व
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जौ देना – राहु (Rahu) का प्रतीक
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चुड़ियां देना – बुध (Mercury) का प्रतिनिधित्व
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बिंदी और पैसे देना – शुक्र (Venus) का प्रतीक
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पैर छूना – केतु (Ketu) की स्थिति सुधारने वाला कार्य
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, यदि कन्या पूजन विधिपूर्वक किया जाए तो यह नवग्रहों को सक्रिय कर मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करता है।
कन्या पूजन कब करें?
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अष्टमी तिथि: नवरात्रि की अष्टमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन कन्याओं को माता का स्वरूप मानकर भोजन कराया जाता है।
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नवमी तिथि: कई जगह नवमी तिथि को भी कन्या पूजन किया जाता है, जो शक्ति साधना का अंतिम चरण माना जाता है। इस दिन भी कन्याओं को सम्मानित किया जाता है।
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