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Vastu Tips: सावन में भूलकर भी न लगाएं भगवान शिव की यह तस्वीर, जानिए क्या है सही तरीका

Vastu Tips:  सावन में भगवान शिव की तस्वीर लगाते समय करें ये जरूरी वास्तु उपाय। जानें कौन सी तस्वीर शुभ है और किन तस्वीरों से घर में आ सकता है दोष।

Vastu Tips: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे पवित्र समय माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त व्रत रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और घरों में शिवजी की मूर्तियां व तस्वीरें भी स्थापित करते हैं। हालांकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि भगवान शिव की तस्वीर घर में लगाते समय कुछ जरूरी वास्तु नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। एक छोटी सी गलती भी घर की सुख-शांति और ऊर्जा संतुलन को प्रभावित कर सकती है।

वास्तु के अनुसार शिवजी की तस्वीर लगाने के नियम-Vastu Tips

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में भगवान शिव की तस्वीर लगाना तभी शुभ होता है जब उसे सही दिशा, स्थिति और प्रकार से लगाया जाए। गलत तस्वीर या गलत स्थान पर लगी तस्वीर से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है और मनचाहे फल नहीं मिलते।

इन प्रकार की तस्वीरें लगाने से बचें

  1. तांडव मुद्रा वाली तस्वीर:
    भगवान शिव का तांडव रूप बेहद उग्र और संहारक माना जाता है। ऐसी तस्वीरें घर में लगाने से अशांति और क्रोध की ऊर्जा बढ़ सकती है।

  2. अघोरी या रौद्र रूप:
    भगवान शिव का अघोर रूप भयानक और ध्यानमग्न अवस्था का प्रतीक होता है। यह चित्र ध्यान केंद्रों या मंदिरों में तो उपयुक्त हो सकते हैं, लेकिन घर में नहीं।

  3. मुख्य द्वार पर तस्वीर या मूर्ति न रखें:
    शिवजी की तस्वीर घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाना वास्तु दोष माना जाता है।

  4. बहुत छोटी तस्वीरों से बचें:
    बहुत छोटी तस्वीर या आइडॉल ऊर्जा संतुलन में बाधा डाल सकती है। हमेशा मध्यम या बड़े आकार की तस्वीर को प्राथमिकता दें।

घर में लगाएं ऐसी तस्वीरें

  1. शांत मुद्रा में शिवजी की तस्वीर:
    भगवान शिव की ध्यानमग्न मुद्रा में तस्वीर लगाना घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

  2. शिव-पार्वती के साथ पारिवारिक चित्र:
    शिव परिवार की तस्वीर, जिसमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय एक साथ हों, परिवार में प्रेम और एकता को बढ़ावा देती है।

  3. कैलाश पर्वत पर विराजमान शिव:
    यह चित्र स्थिरता, संतुलन और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है।

इन स्थानों पर न लगाएं भगवान शिव की तस्वीर

  • बेडरूम: यह निजी विश्राम का स्थान होता है, जहां शिवजी की उपस्थिति वास्तु दोष मानी जाती है।

  • किचन (रसोई): पूजा स्थान और भोजन तैयार करने की जगह का संयोजन उचित नहीं माना गया है।

  • बाथरूम के सामने: यह अपवित्र स्थान होता है, यहां किसी भी देवी-देवता की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।

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