
पंजाब स्मार्ट मीटर विवाद: पंजाब में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने को लेकर किसान संगठनों का विरोध तेज हो गया है। पावरकॉम के खिलाफ 17 जिलों में प्रदर्शन, सरकार से स्मार्ट मीटर नीति रद्द करने की मांग।
पंजाब स्मार्ट मीटर विवाद: पंजाब में बिजली उपभोक्ताओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। पावरकॉम (PSPCL) की ओर से लगाए जा रहे चिप युक्त स्मार्ट मीटर के खिलाफ पंजाब की पांच प्रमुख किसान यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है।
इन यूनियनों ने लुधियाना के सुंदर नगर डिवीजन सहित राज्य के 17 जिलों में पावरकॉम कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
किसानों का आरोप: स्मार्ट मीटरों से बढ़ेगा आर्थिक बोझ
प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटरों के जरिए सरकार बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे आम जनता पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
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वक्ताओं ने कहा कि पहले ही जनता महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही है, ऐसे में स्मार्ट मीटरों के जरिए बिजली दरों में पारदर्शिता के नाम पर लोगों की जेबें काटी जाएंगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस नीति को तुरंत रद्द किया जाए।
बिजली विभाग की सफाई: पारदर्शिता और पेपरलैस व्यवस्था
इस बीच, पावरकॉम विभाग के एक्सियन जगमोहन सिंह जंडू ने किसानों की चिंताओं को खारिज करते हुए बताया कि स्मार्ट मीटरों का उद्देश्य बिजली बिलिंग प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाना है।
उन्होंने बताया कि:
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हर महीने की अंतिम तिथि पर बिल उपभोक्ताओं को SMS और ईमेल के माध्यम से मिल जाएगा।
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मीटर रीडिंग के लिए किसी कर्मचारी को घर-घर नहीं जाना पड़ेगा।
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यह प्रणाली पूरी तरह से पेपरलैस और ऑटोमैटिक होगी, जिससे हेराफेरी की कोई संभावना नहीं रहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि किसानों की मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
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