
राजस्थान सरकार ने मेडिकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी 2025 को मंजूरी दी है, जो इसे मेडिकल टूरिज्म हब बनाएगी। जानें इससे पर्यटकों को कौन-कौन सी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
मेडीकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी 2025: राजस्थान, जो अपनी हवेलियों, किलों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, अब एक सुलभ, किफायती, और गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में उभरने जा रहा है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को मेडिकल वैल्यू ट्रेवल पॉलिसी (हील इन राजस्थान नीति-2025) का प्रारूप मंज़ूर किया।
राज्य में मेडिकल टूरिज्म की विशाल संभावनाएं
राजस्थान में 8,000 से अधिक अस्पताल और 40+ मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें दक्ष मानव संसाधन और निजी स्वास्थ्य सुविधाएं भी हैं। सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ₹27,660 करोड़ आवंटित किया, जो राज्य बजट का 8.26% है। इस नीति से प्रदेश स्वस्थ्य और चिकित्सा पर्यटन के लिए आकर्षक बन पड़ेगा।
आंतरिक व बाह्य पर्यटकों को मिलने वाली सुविधाएँ
यह नीति राजस्थान को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए किफायती और बेहतरीन मेडिकल डेस्टिनेशन बनाएगी। मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में आधुनिक इलाज के साथ-साथ आयुर्वेद, योग, यूनानी एवं सिद्ध जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को भी शामिल किया जाएगा। डिजिटल सुविधाओं में टेलीमेडिसिन, e-पोर्टल, मोबाइल एप, बहुभाषी हेल्पलाइन और डायग्नोस्टिक सहायता शामिल की जाएगी।
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आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर
इस नीति से स्वास्थ्य और पर्यटन को जोड़कर आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और वैश्विक ब्रांडिंग को बल मिलेगा। सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए रिप्स, औद्योगिक विकास नीति, पर्यटन नीति, P-P-P मॉडल और वायबिलिटी गैप फंडिंग जैसे उपकरणों का सहारा लेगी।
नीति का अमल—कार्यकारी व्यवस्थाएँ
राज्य सरकार मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कार्यकारी समिति और मेडिकल शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित करेगी। एमवीटी (Medical Value Travel) सेल और सिंगल-विंडो पोर्टल की स्थापना के लिए फंड उपलब्ध कराया जाएगा। राष्ट्रीय-आंतराष्ट्रीय मेले, मार्केटिंग, ब्रांडिंग में भी समर्थन मिलेगा।
राजस्थान—इतिहास और स्वास्थ्य पर्यटन की जोड़ी
यह नीति पर्यटन को मेडिकल सेवाओं से जोड़कर राज्य को एक ऐसा गंतव्य बनाएगी, जहां पर्यटक किला-दर्शन के साथ साथ उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएँ भी प्राप्त करेंगे। ‘एक पंथ, दो काम’ की तरह यह पहल राज्य को मेडिकल टूरिज्म के ग्लोबल मानचित्र पर अग्रणी बनाएगी।
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