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Google CEO Sundar Pichai की चेतावनी: AI द्वारा बताए गए हर जवाब पर भरोसा करना हो सकता है खतरनाक

Google CEO Sundar Pichai ने AI को लेकर चेतावनी दी है। जानिए क्यों हर AI जवाब पर भरोसा करना खतरनाक है और Gemini 3.0 में क्या नया है।

Alphabet और Google के CEO Sundar Pichai ने हाल ही में एक इंटरव्यू में AI तकनीक और उसके इस्तेमाल को लेकर लोगों को चेतावनी दी। Sundar Pichai ने साफ कहा कि AI टूल्स द्वारा दी गई जानकारी को पूरी तरह सच्चा मानना खतरनाक हो सकता है। उनका कहना है कि वर्तमान AI मॉडल अभी भी त्रुटियों के प्रति संवेदनशील हैं, इसलिए इसे अन्य भरोसेमंद स्त्रोतों के साथ मिलाकर ही इस्तेमाल करना चाहिए।

AI में गलतियाँ होना सामान्य

Sundar Pichai ने बताया कि आज के AI मॉडल अक्सर गलत जवाब दे सकते हैं। यही कारण है कि एक विविध और भरोसेमंद सूचना इकोसिस्टम का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोग इसी वजह से Google Search और अन्य प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो ज्यादा सटीक और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने पर आधारित हैं।

यूजर्स पर फैक्ट-चेक की जिम्मेदारी नहीं डालनी चाहिए

कई विशेषज्ञ मानते हैं कि AI की गलतियों का समाधान बड़ी टेक कंपनियों को खुद करना चाहिए। प्रोफेसर जीना नेफ ने बताया कि AI चैटबॉट्स अक्सर “लोगों को खुश करने के लिए जवाब गढ़ लेते हैं,” और यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब सवाल स्वास्थ्य, विज्ञान या गंभीर जानकारी से जुड़ा हो।

Google भी मानता है कि AI अभी परफेक्ट नहीं

Sundar Pichai ने स्वीकार किया कि Google अपने AI टूल्स को सटीक जानकारी देने के लिए लगातार अपडेट करता है, लेकिन वर्तमान AI मॉडल अभी भी गलत उत्तर दे सकते हैं। इसी कारण Google अपने AI टूल्स पर चेतावनी संदेश देता है कि कभी-कभी ये गलत तथ्य भी प्रस्तुत कर सकते हैं। Google का AI Overviews फीचर भी गलत और अटपटे जवाब देने के कारण आलोचना झेल चुका है।

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Gemini 3.0 और AI Mode

Google जल्द ही अपना नया कंज्यूमर AI मॉडल Gemini 3.0 लॉन्च करने जा रहा है, जो ChatGPT की प्रतिस्पर्धा को चुनौती देगा। कंपनी ने सर्च में नया “AI Mode” भी जोड़ा है, जिससे यूजर्स Gemini से ऐसे बातचीत कर सकते हैं जैसे किसी विशेषज्ञ से सलाह ले रहे हों। पिचाई के अनुसार यह AI प्लेटफ़ॉर्म शिफ्ट का नया चरण है और Google को AI प्रतिस्पर्धा में आगे रखने का प्रयास भी है।

रिसर्च भी उठाती है AI की गलतियों पर सवाल

BBC के अध्ययन में पाया गया कि ChatGPT, Copilot, Gemini और Perplexity जैसे AI चैटबॉट्स ने न्यूज़ लेखों के सारांश में कई गलतियां कीं। इससे स्पष्ट है कि AI द्वारा जनरेट की गई जानकारी को बिना जांचे स्वीकार करना जोखिमपूर्ण हो सकता है।

Google CEO की चेतावनी से साफ है कि AI भविष्य में उपयोगी टूल है, लेकिन इसे पूरी तरह भरोसेमंद मानकर काम करना खतरनाक साबित हो सकता है।

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