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सूर्य ग्रहण 2026: जानें साल का पहला सूर्य ग्रहण कब और कहाँ दिखाई देगा

साल का पहला सूर्य ग्रहण 2026 17 फरवरी को लगेगा। जानें भारत में दिखाई देगा या नहीं, सूतक काल, क्या करें और क्या न करें।

सूर्य ग्रहण 2026: सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2026) को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। अमावस्या के दिन लगने वाला यह ग्रहण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशेष सावधानी और नियमों के पालन की मांग करता है। ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है, क्योंकि यह समय राहु और अन्य नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव से जुड़ा माना जाता है।

सूर्य ग्रहण 2026 की तारीख

साल का पहला सूर्य ग्रहण 2026 17 फरवरी को लगने वाला है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारतीय उपमहाद्वीप में इसका सूतक काल नहीं माना जाएगा।

सूर्य ग्रहण 2026 कहाँ देखा जा सकेगा?

17 फरवरी को लगने वाला सूर्य ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण अर्जेंटीना और अंटार्कटिका में देखा जाएगा। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग इसे स्पष्ट रूप से देख सकेंगे।

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें

ग्रहण के समय कुछ धार्मिक और आयुर्वेदिक नियमों का पालन करना शुभ माना गया है। इनमें प्रमुख हैं:

मंदिर के कपाट बंद करें और घर में विशेष ध्यान रखें।

भोजन में तुलसी के पत्ते डालें, जिससे ग्रहण का दुष्प्रभाव भोजन पर नहीं पड़ता।

ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप करें।

ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करें और पूजा-अर्चना करें।

घर और मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें।

जरूरतमंदों या मंदिर में दान दें, जिससे शुभ ऊर्जा बढ़ती है।

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सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें

ग्रहण के समय पूजा-पाठ और मांगलिक काम न करें।

देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छुएँ।

गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।

नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें।

ग्रहण के दौरान भोजन न करें।

सूतक समय क्या है?

सूर्य ग्रहण लगने से लगभग 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान मांगलिक और धार्मिक काम करने की मनाही होती है। ग्रहण समाप्त होते ही सूतक काल भी समाप्त हो जाता है।

सूर्य मंत्र

सूर्य ग्रहण के दौरान निम्न मंत्रों का जाप शुभ माना जाता है:

ऊँ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च ।
हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन ।।
ऊँ घृणि: सूर्यादित्योम
ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम ।
तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम ।
ऊँ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात ।।

मंत्र जाप करने से ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और घर तथा परिवार में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

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