पुत्रदा एकादशी 2025: संतान सुख और खुशियों के लिए करें ये खास उपाय, भगवान हरि भर देंगे झोली
पुत्रदा एकादशी 2025 कब है?
सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 4 अगस्त 2025 को सुबह 11:41 बजे शुरू होगी और 5 अगस्त की दोपहर 1:12 बजे तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत 5 अगस्त को रखा जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन यानि 6 अगस्त की सुबह 5:45 बजे से 8:26 बजे तक किया जाएगा।
पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व
पुत्रदा एकादशी को भगवान विष्णु का विशेष दिवस माना जाता है। इस दिन व्रत, दान, और पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही इस एकादशी का पालन करने से परिवार में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है। धार्मिक शास्त्रों में इस दिन गाय को चारा खिलाना भी अत्यंत पुण्यकारी बताया गया है, जिससे संतान के उज्जवल भविष्य की कामना पूरी होती है।
पुत्रदा एकादशी पर करें ये उपाय
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तुलसी के पौधे के निकट गाय के घी का दीपक जलाएं।
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मंत्र का जाप करें: “तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।”
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भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाएं। यह उपाय संतान प्राप्ति के योगों को बढ़ाता है।
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पूजा के दौरान तुलसी के पत्ते अर्पित करें, जिससे आपके घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर होंगी और संतान का जीवन सुखमय होगा।
पुत्रदा एकादशी में क्या नहीं करना चाहिए?
संतान सुख के लिए व्रत रखने वाले इस दिन सभी मांगलिक कार्यों से बचें। खान-पान में शुद्धता रखें और मांसाहार, मदिरा आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें। पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और भगवान की मूर्तियों को ढक कर रखें।
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