मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान: भारत ने कभी युद्ध की शुरुआत नहीं की, लेकिन चुनौती मिले तो करारा जवाब देंगे
मध्यप्रदेश के महू में आयोजित “रण संवाद 2025” के दूसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत ने कभी भी युद्ध की पहल नहीं की है। उन्होंने कहा कि भारत आक्रामक नहीं है, लेकिन यदि किसी ने देश को चुनौती दी तो भारत उसे मजबूती से जवाब देगा।
आर्मी वार कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय विशिष्ट त्रि-सेवा सेमिनार ‘रण संवाद 2025’ के दूसरे दिन, राजनाथ सिंह ने देश की सैन्य ताकत, युद्धकला और संवाद की भारतीय परंपरा पर जोर दिया। इस सेमिनार में तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ, उद्योग जगत और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल हुए।
भारत का रक्षा नीति पर मजबूत रुख
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत कभी किसी पर आक्रमण नहीं करता, लेकिन बदलते वैश्विक संदर्भों में रक्षा तैयारियों को सशक्त बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने तकनीकी प्रगति और सहयोगी देशों के साथ संवाद को भी महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि युद्ध से पहले, दौरान और बाद में संवाद भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। यही ‘रण संवाद’ का सार है, जो आज भी प्रासंगिक है।
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आत्मनिर्भर भारत और रक्षा क्षेत्र की प्रगति
रक्षा मंत्री ने पीएम मोदी के नेतृत्व में हुए नीतिगत सुधारों को सराहा और बताया कि भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। 2014 में 46,425 करोड़ रुपये की रक्षा उत्पादन क्षमता अब बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है। निजी क्षेत्र का योगदान 33,000 करोड़ रुपये से अधिक है। रक्षा निर्यात भी 1,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,000 करोड़ रुपये से ऊपर हो गया है।
स्वदेशी तकनीक और हथियारों में देश की ताकत
राजनाथ सिंह ने स्वदेशी हथियार प्रणालियों जैसे तेजस विमान, एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन, आकाश मिसाइल और स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान और जेट इंजन निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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