धर्म

Rishi Panchami 2025: ऋषि पंचमी की पूजा में किन-किन सामग्रियों की होती है जरूरत? यहां देखें पूरी लिस्ट और पूजा विधि

Rishi Panchami 2025 की पूजा 28 अगस्त को की जाएगी। जानिए पूजा के लिए जरूरी सामग्री की पूरी लिस्ट और विधि, जिससे आपको मिल सकती है रजस्वला दोष से मुक्ति।

Rishi Panchami 2025 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाने वाली ऋषि पंचमी इस वर्ष 28 अगस्त 2025 (गुरुवार) को पड़ रही है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सप्त ऋषियों की पूजा करने से रजस्वला दोष, जीवन में अनजाने पाप और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।

अगर आप इस वर्ष ऋषि पंचमी का व्रत और पूजा विधिवत करना चाहते हैं, तो यहां हम आपके लिए पूरी पूजा सामग्री की लिस्ट और विस्तृत पूजा विधि लेकर आए हैं।

ऋषि पंचमी 2025 पूजा सामग्री लिस्ट (Rishi Panchami Puja Samagri List)

  • श्रीफल (नारियल)

  • आलता

  • अष्टगंध

  • 7 प्रकार का नैवेद्य (भोग)

  • मूंगफली (8 नग)

  • किसमिस (8 नग)

  • केले (8 नग)

  • गुड़

  • पान के पत्ते

  • रोली

  • मौली (कलावा)

  • सुपारी (7 नग)

  • आम के पत्ते

  • मिट्टी का कलश

  • अक्षत (चावल)

  • हल्दी की गांठ

  • गंगाजल या पवित्र जल

  • पंचामृत

  • रूई की बत्ती

  • गाय के लिए घी

  • चौक बनाने हेतु आटा

  • कपूर

  • सफेद चंदन

  • केले के पत्ते

  • लौंग

  • छुआरे (8 नग)

  • काजू (8 नग)

  • मखाने (8 नग)

  • बादाम (8 नग)

  • इलायची

  • मिट्टी का दीपक

पूजा से पहले सभी सामग्रियों को साफ एवं व्यवस्थित कर लें।

ऋषि पंचमी पूजा विधि (Rishi Panchami Puja Vidhi)

  1. प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को साफ करें।

  2. लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर सप्त ऋषियों की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

  3. एक मिट्टी का कलश लें और उसमें गंगाजल या पवित्र जल भरकर आम के पत्ते लगाएं और नारियल रखें।

  4. दीप जलाएं और कलश के पास बैठकर सप्त ऋषियों को अर्ध्य दें।

  5. सभी पूजा सामग्री जैसे फूल, पंचामृत, फल, रोली, मौली आदि अर्पित करें।

  6. सप्तऋषियों के मंत्रों का उच्चारण करें और धूप-दीप से आरती करें।

  7. पूजा के अंत में भगवान से अनजाने पापों के लिए क्षमा याचना करें।

  8. प्रसाद वितरण करें और दिन भर सात्विक आहार लें।

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