
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में पांच देशों की विदेश यात्रा को लेकर तीखा तंज किया है। मान ने चंडीगढ़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्हें देश की विदेश नीति और प्रधानमंत्री के दौरे पर सवाल उठाने का पूरा अधिकार है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि जहां भी वे जाते हैं, वहां अडानी का कारोबार शुरू हो जाता है। भगवंत मान ने कहा, “मैं भविष्य में भी ऐसे सवाल उठाता रहूंगा।”
इस बयान के बाद केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय ने कड़ा बयान जारी किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि किसी उच्च सरकारी अधिकारी द्वारा भारत के मित्र देशों के साथ संबंधों को लेकर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और खेदजनक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे बयान किसी सरकारी पदाधिकारी के लिए उचित नहीं हैं और ये भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को कमजोर करते हैं।
भगवंत मान ने मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी छोटी आबादी वाले देशों का दौरा करते हैं, जहां उन्हें ‘सर्वोच्च पुरस्कार’ दिए जाते हैं, जबकि वे 140 करोड़ की आबादी वाले देश की समस्याओं से दूर हैं। उन्होंने कहा, “यह समझना मुश्किल है कि प्रधानमंत्री किन देशों में जाते रहते हैं।”
वहीं, पंजाब सरकार के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने केंद्र और हरियाणा सरकार की भाखड़ा ब्यास बांध की सुरक्षा के लिए CISF तैनाती की योजना को लेकर कहा कि पिछले 70 साल से पंजाब पुलिस इस सुरक्षा को संभाल रही है और इस योजना का विरोध करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस इस काम के लिए सक्षम है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने भी इस फैसले का समर्थन किया है।
यह विवाद केंद्र और पंजाब सरकार के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाता है, जहां भगवंत मान ने खुलकर केंद्र की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। विदेश मंत्रालय की कड़ी निंदा के बाद भी मान ने अपनी आलोचना जारी रखी है, जिससे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती दिख रही है।
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