ED ने Meta और Google को भेजा समन, सट्टा ऐप्स प्रमोशन के मामले में होगी कड़ी पूछताछ

सट्टा ऐप्स: भारत सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हो रहे फाइनेंशियल क्राइम्स के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। इसी क्रम में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दुनियाभर की सबसे बड़ी टेक कंपनियों Meta और Google को समन भेजा है। इन कंपनियों से अवैध ऑनलाइन सट्टा ऐप्स को प्रमोट करने के आरोपों पर जवाब मांगा गया है।
सट्टा ऐप्स के विज्ञापन को लेकर ED की कड़ी कार्रवाई
ED का आरोप है कि Meta और Google ने भारत में तेजी से बढ़ रहे अवैध सट्टा प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन अपने प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किए और एल्गोरिदमिक तरीके से इन्हें प्रमोट किया। इससे सट्टा ऐप्स की लोकप्रियता और यूजर्स की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हुई। यह गतिविधि Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत अपराध मानी जा रही है। जांच एजेंसी के अनुसार, इन कंपनियों ने सट्टा ऐप्स से भारी विज्ञापन राजस्व भी अर्जित किया, जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक था।
पूछताछ कब और कहां होगी?
Google और Meta के वरिष्ठ अधिकारियों को 21 जुलाई 2025 को दिल्ली स्थित ED मुख्यालय में पेश होने का नोटिस दिया गया है। इस पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि क्या इन कंपनियों को अवैध सट्टा ऐप्स की गतिविधियों का पता था और क्या उन्होंने जानबूझकर उनके साथ व्यापारिक संबंध बनाए।
पहले भी हो चुकी है सख्त कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब ED ने सट्टा या ड्रग्स रैकेट्स से जुड़े टेक और मीडिया क्षेत्र के लोगों को जांच के लिए बुलाया हो। इससे पहले अभिनेता प्रकाश राज, राणा दग्गुबाती और विजय देवरकोंडा जैसे फिल्म स्टार्स को भी इसी तरह की जांच के लिए समन भेजा गया था। अब मामला टेक कंपनियों तक पहुंच गया है, जिससे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही पर नया सवाल उठ रहा है।
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सरकार की गाइडलाइंस की अवहेलना?
साल 2022 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सट्टा और जुआ से जुड़े ऐप्स के विज्ञापन न दिखाने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, स्किल बेस्ड गेमिंग के नाम पर इन प्लेटफॉर्म्स पर सट्टा को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन लगातार दिखते रहे।
आगे क्या होगा?
ED अब Meta और Google के विज्ञापन डाटा, पेमेंट ट्रांजैक्शन्स और एल्गोरिदम की जांच करेगा। यदि पाया गया कि कंपनियों ने सट्टा ऐप्स से विज्ञापन राजस्व लेकर उन्हें प्रमोट किया, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस जांच का असर न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी टेक कंपनियों की जवाबदेही और जिम्मेदारी पर गहरा प्रभाव डालेगा।
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