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नारियल का महत्व: शुभ कार्य से पहले नारियल क्यों फोड़ा जाता है? जानिए शास्त्र, ज्योतिष और विज्ञान की नजर में इसका रहस्य

नारियल का महत्व: शुभ कार्यों से पहले नारियल क्यों फोड़ा जाता है? जानिए इसके शास्त्रीय, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारण। श्रीफल का आध्यात्मिक महत्व, ग्रह दोष निवारण और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा रहस्य इस लेख में पढ़ें।

नारियल का महत्व: सनातन धर्म में हर शुभ कार्य की शुरुआत से पहले नारियल फोड़ना एक सामान्य परंपरा है, लेकिन इसके पीछे छिपा है एक गहरा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रहस्य। यह केवल एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और शुभ फल की प्राप्ति का प्रतीक माना गया है।

नारियल फोड़ने का शास्त्रीय महत्व

वेद-पुराणों में नारियल को “श्रीफल” कहा गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “लक्ष्मी का फल”। स्कंद पुराण और अग्नि पुराण में इसका उल्लेख मिलता है कि श्रीफल को सभी मांगलिक कार्यों में पूजन के योग्य माना गया है।

  • नारियल के तीन “नेत्र” त्रिमूर्ति – ब्रह्मा, विष्णु और शिव का प्रतीक माने जाते हैं।

  • मंत्र ब्रह्मण में कहा गया है: “श्रीफलं ब्रह्मसंपन्नं सर्वकार्येषु पूजितम्” – यानी श्रीफल ब्रह्मतत्व से युक्त है और हर कार्य में पूजनीय है।

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ज्योतिष शास्त्र में नारियल का महत्व

नारियल को नकारात्मक ऊर्जा, ग्रह दोष और शनि बाधाओं से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है।

  • शनिवार को पीपल के नीचे नारियल फोड़ना शनि दोष से राहत देने वाला उपाय माना जाता है।

  • अमावस्या और नवमी तिथि पर नारियल अर्पण करने से पितृ दोष और ग्रह बाधाएं शांत होती हैं।

  • किसी भी ग्रह शांति पूजा या वास्तु शुद्धि में नारियल का प्रयोग अनिवार्य माना गया है।

वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण

  • नारियल का जल पूरी तरह शुद्ध और बैक्टीरिया-फ्री होता है, जो इसे पवित्र बनाता है।

  • नारियल का कठोर खोल हमारे अंदर के अहंकार और नकारात्मक विचारों का प्रतीक है। इसे फोड़ना आत्म-शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

  • नारियल फोड़ने की आवाज मस्तिष्क में ऊर्जा का संचार करती है और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाती है।

शुभता बढ़ाने वाले नारियल के विशेष उपाय

  • शनि शांति: शनिवार को नारियल फोड़ें और शुद्ध जल अर्पित करें।

  • नवरात्रि में: माता दुर्गा को श्रीफल अर्पण करने से संकट टलते हैं।

  • व्यापार आरंभ: नए ऑफिस या दुकान की शुरुआत में नारियल फोड़ना नकारात्मकता हटाने का सिद्ध उपाय है।

विभिन्न संस्कृतियों में नारियल का स्थान

  • दक्षिण भारत में, मंदिर प्रवेश से पहले नारियल फोड़ना एक शुभ संकेत होता है।

  • केरल व तमिलनाडु में, पूजा में नारियल अर्पित करना अनिवार्य माना जाता है।

  • बौद्ध परंपरा में भी नारियल को आत्मिक शांति और पवित्र दान का प्रतीक माना गया है।

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