दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद घोषणा की कि 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों पर फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।
सीएम रेखा गुप्ता: दिल्ली-एनसीआर में 10 साल से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश दिया कि इन वाहनों के खिलाफ फिलहाल कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। इसके बाद दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की मांग को अदालत ने स्वीकार कर लिया है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस वर्ग के वाहनों पर तत्काल कोई कार्रवाई नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीएम रेखा गुप्ता का बयान
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “हमने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसमें हमने यह तर्क रखा कि वाहनों का मूल्यांकन केवल उनकी उम्र के आधार पर नहीं होना चाहिए, बल्कि उनके प्रदूषण स्तर और चलने वाली दूरी के आधार पर होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हमारे निवेदन को मान्यता दी है।”
सीएम रेखा गुप्ता ने आगे कहा कि इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि दिल्ली सरकार पर्यावरण संरक्षण और जनता की सुविधा के बीच संतुलन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में वे न्यायिक प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाते हुए दिल्लीवासियों के हित में अपनी बात मजबूती से रखेंगी।
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पर्यावरण मंत्री ने भी जताई खुशी
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस फैसले को दिल्ली के लोगों के लिए बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा, “सरकार ने यह दलील सुप्रीम कोर्ट में दी थी कि वाहन का ‘एंड ऑफ लाइफ’ उसकी उम्र से नहीं, बल्कि प्रदूषण और चलने वाली दूरी के आधार पर तय किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस लड़ाई को मजबूती से लड़ा है।”
निर्णय का प्रभाव और आगे की राह
यह आदेश दिल्ली-एनसीआर के ओवरएज वाहनों के मालिकों के लिए राहत की खबर है, जो पिछले दिनों के डीजल और पेट्रोल वाहनों की रोकथाम संबंधी नियमों से प्रभावित थे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह उम्मीद जगी है कि प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ आम जनता के हितों का भी बेहतर ध्यान रखा जाएगा।
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