अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में भव्य स्वागत, स्कूली बच्चों ने दी सलामी
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का लखनऊ में भव्य स्वागत हुआ। स्कूली बच्चों ने परेड कर सलामी दी। 18 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन से लौटे इस वीर सपूत ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया।
देश को अंतरिक्ष की ऊँचाइयों तक पहुंचाने वाले गर्वित भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का लखनऊ लौटने पर ऐतिहासिक और भावनात्मक स्वागत किया गया। अंतरिक्ष से 18 दिवसीय मिशन पूरा कर लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु जैसे ही अपने गृहनगर लखनऊ पहुंचे, हजारों की संख्या में लोग उनका स्वागत करने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़े।
सीएमएस (सिटी मॉन्टेसरी स्कूल), जहाँ से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी, के छात्रों ने परेड कर अपने पूर्व छात्र को सलामी दी। एयरपोर्ट से लेकर गोमती नगर तक निकली विजय शोभायात्रा में जय हिंद और जय जगत के नारों की गूंज रही, पुष्पवर्षा और लहराते तिरंगों ने पूरे शहर को उत्सव के रंग में रंग दिया।
उपमुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शुभांशु शुक्ला को “राष्ट्र की शान” बताते हुए कहा कि उन्होंने एक्सिओम मिशन 4 के पायलट के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) पर तिरंगा लहराकर देश का नाम रोशन किया है।
यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि शुभांशु ने भारत की अंतरिक्ष शक्ति का प्रदर्शन कर हर भारतीय को गौरवान्वित किया है।
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स्कूली छात्रों और नागरिकों ने दिया अभूतपूर्व सम्मान
एयरपोर्ट पर बच्चों ने बैंड बजाकर, तिरंगा लहराकर और पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। शोभायात्रा के दौरान शुभांशु का काफिला जब जी-20 चौराहे से गुजरा, तो पूरा माहौल तालियों, नारों और उत्साह से गूंज उठा।
परिवार और स्कूल प्रबंधन का भावुक पल
शुभांशु शुक्ला के इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता पर उनका परिवार, माता-पिता, बहनें, पत्नी और बेटा भी बेहद भावुक नजर आए। सीएमएस की प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन और संस्थापिका डॉ. भारती गांधी ने उन्हें राष्ट्र का गौरव बताते हुए आशीर्वाद दिया और कहा कि शुभांशु ने ‘जय जगत’ की भावना को सच कर दिखाया है।
इस मिशन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाइयाँ दीं
शुभांशु शुक्ला का यह 18 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसने न केवल विज्ञान और तकनीक में भारत की साख को मजबूत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन गया है।
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