Skanda Sashti 2025 में कब? जानें इसका महत्व और पूजन करने का तरीका

Skanda Sashti 2025: स्कन्द षष्ठी का दिन बहुत शुभ है। भक्त इस दिन भगवान स्कन्द के लिए व्रत करते हैं और उचित तरीके से पूजा करते हैं। यहां पढ़ें कि वर्ष 2025 में किस दिन स्कन्द षष्ठी पड़ेगी ।
Skanda Sashti 2025: स्कन्द देव भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं. स्कन्द देव भी भगवान गणेश के छोटे भाई हैं। भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय और सुब्रहमन्य भी कहते हैं। स्कन्द षष्ठी प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में इस तिथि का बहुत महत्व है।
षष्ठी तिथि श्री स्कंद को समर्पित है। भक्त हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी के दिन उपवास करते हैं। जानें आषाढ़ माह की षष्ठी तिथि कब पड़ रही है और इसका महत्व।
आषाढ़ माह 2025 स्कन्द षष्ठी तिथि| Skanda Sashti 2025
आषाढ़ माह 2025 स्कन्द षष्ठी की शुरूआत 30 जून 2025 सुबह 09.23 मिनट होगी.
आषाढ़ माह 2025 स्कन्द षष्ठी समाप्त 01 जुलाई को सुबह 10.20 पर होगी.
30 जून, 2025 को स्कन्द षष्ठी का व्रत रखा जाएगा।
स्कन्द षष्ठी का महत्व| Skanda Sashti Importance
भगवान स्कन्द को बल और युद्ध का देवता मानते हैं।
दक्षिण भारत में इन्हें मुरुगन, सुब्रह्मण्य और कुमारस्वामी कहते हैं।
इस दिन उपवास, पूजन और पाठ करने से शत्रु बाधा, रोग, कर्ज, भय और ग्रह दोष से छुटकारा मिलता है।
यह दिन संतान सुख की कामना रखने वाले दंपत्ति के लिए बहुत अच्छा है।
Skanda Sashti 2025 पूजन विधि
सुबह स्नान करने के बाद साफ वस्त्रों को घारण करें।
मंदिर में भगवान कार्तिकेय की मूर्ति रखें।
स्थान को गंगाजल से धोकर, दीपक जलाकर आशीर्वाद लें।
चंदन, केसर, पुष्प, दूर्वा, लाल पुष्प, मोदक, फल, नारियल दूध, दही, शहद, घी, शक्कर और केले के पत्ते दीजिए।
स्कन्द पंचामृत से भगवान को अभिषेक करें।
मोदक, फल या गुड़ चना भोग में रखें।
स्कन्द षष्ठी व्रत कथा और स्कन्द स्तोत्र पढ़ें।
“ॐ स्कन्दाय नमः” मंत्र 108 बार जाप करें।
शाम को दीप जलाकर आरती करें।