
CM Bhajanlal Sharma: आमजन को त्वरित न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित वकील का पेशा गरीब और वंचित की सेवा का अवसर
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि एक अच्छा वकील कानून को जानता है और समाज के कमजोर वर्ग की आवाज बनता है वकील बनना गरीबों और वंचितों की सेवा करने का एक बड़ा अवसर है। उनका कहना था कि इस पेशे ने कई बड़े देशों को बनाया है। संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर भी एक वकील थे। इस संविधान से देश उनका ऋणी है।
जोधपुर में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में CM Bhajanlal Sharma ने भाषण दिया था। उनका कहना था कि विद्यार्थी इस डिग्री को अपनी उपलब्धियों के साथ एक महत्वपूर्ण दायित्व भी समझेंगे। समाज में न्याय को बचाने और फैलाने के लिए विद्यार्थियों को काम करना चाहिए। इसके लिए कानून की शिक्षा, संवेदनशीलता और सामाजिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उनका कहना था कि विद्यार्थी अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों तक सीमित नहीं होना चाहिए। वे अपने देश को बेहतर, समृद्ध और सशक् त बनाने में अपनी जिम् मेदारी को समझें और इसका उपयोग करें।
तीन नए आपराधिक नियमों से बनाई गई शीघ्र न्याय प्रणाली—
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हैं। इनका उद्देश्य पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी बनाना था। साथ ही, उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में नए कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं और उनका ठीक से पालन सुनिश्चित किया है।
हमारी न्याय व्यवस्था की हजारों वर्षों की मान्यता—
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि हमारी न्याय व्यवस्था हजारों वर्ष पहले भी विश्व प्रसिद्ध थी। मुख्य उद्देश्य था कि सभी को न्याय मिले और किसी भी पीड़ित को अन्याय नहीं हो। हमारे यहां न्याय का शासन सुनिश्चित करने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, उन्होंने कहा। जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव होते रहते हैं और नए कानून भी बनाए जाते हैं।
देश में जोधपुर के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का विशिष्ट स्थान—
CM Bhajanlal Sharma ने उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह दिन यादगार होगा। इस विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान और कौशल विद्यार्थियों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे और विधि क्षेत्र में सकारात्मक बदलावों का वाहक बनेंगे। उनका कहना था कि इस विश्वविद्यालय का देश में विशिष्ट स्थान है। कानून के क्षेत्र में यहां के विद्यार्थियों ने देश और दुनिया भर में प्रसिद्धि हासिल की है।
न्यायिक कार्यालय के लिए 350 करोड़ रुपये का अनुदान
राज्य सरकार कृतसंकल्पित होकर काम कर रही है, मुख्यमंत्री ने कहा। उनका कहना था कि बजट वर्ष 2025–26 में न्यायालयों और विधि विभाग से संबंधित महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। इनमें आठ नए जिला एवं सेशन न्यायालय, आठ वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय, चार अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय, एक विशेष न्यायालय (पोक्सो एक्ट), तीन विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम), 350 करोड़ रुपये के न्यायिक कार्यालय भवन और आवास के लिए, और 100 करोड़ रुपये के लिए विभिन्न सुविधाएं विकसित करने के लिए उनका कहना था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के 150वें जन्मदिन पर 350 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है कि साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए सरदार पटेल सेंटर ऑफ साइबर कंट्रोल एंड वॉर रूम बनाया जाएगा।
प्रदेश में पारदर्शिता से हो रही भर्तियां, युवाओं को मिल रहे रोजगार के अवसर—
CM Bhajanlal Sharma ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अच्छी शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में पारदर्शिता से भर्ती हो रही है और पांच वर्ष में 10 लाख रोजगार के अवसर देने का लक्ष्य है। आगामी वर्ष में 1.25 लाख सरकारी और 1.50 लाख निजी नौकरी मिलेगी। “राजस्थान रोजगार नीति-2025” भी बनाई जा रही है, जो प्रशिक्षण, इंटर्नशिप और रोजगार की योजनाओं के माध्यम से युवा लोगों को समान अवसर प्रदान करेगी।”
श्री शर्मा ने दीक्षांत समारोह में विभिन्न विधि पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण मेधावी विद्यार्थियों को उपाधि और विभिन्न श्रेणियों में स्वर्ण पदक दिए। उनके पास विश्वविद्यालय में ई-मूट कोर्ट और कई नवीन जर्नल्स थे। मुख्यमंत्री ने पहले राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के परिसर में पौधारोपण किया और उसके गौरवपूर्ण इतिहास से संबंधित प्रदर्शनी देखा।
इस अवसर पर सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री संदीप मेहता, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, विधि एवं न्याय मंत्री श्री जोगाराम पटेल, राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी, श्री दिनेश मेहता, जनप्रतिनिधिगण, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. हरप्रीत कौर सहित शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।