मीटिंग में CM Yogi Adityanath ने कहा कि नदी के जलग्रहण क्षेत्र में अवैध खनन बर्दाश्त नहीं होगा, जिम्मेदार अफसर पकड़े जाएंगे

रविवार को CM Yogi Adityanath ने कहा कि उत्तर प्रदेश का खनन क्षेत्र पारदर्शिता और तकनीक का मानक बन गया है।
CM Yogi Adityanath ने कहा है कि जलग्रहण क्षेत्रों में खनन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए। अगर कहीं से शिकायत पाई गई तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। CM Yogi Adityanath ने कहा कि खनन 15 अक्तूबर से शुरू होकर मानसून में पूरा होना चाहिए।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की समीक्षा बैठक में CM Yogi Adityanath ने ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने परिवहन, भंडारण और अवैध खनन को रोकने के लिए ट्रांसपोर्टरों के साथ मिलकर एक मजबूत निगरानी तंत्र बनाने के निर्देश दिए। अब उत्तर प्रदेश की खनन नीति में पारदर्शिता और तकनीकी क्षमता दोनों शामिल हैं।
ईंट-भट्ठा संचालकों से संवाद कर नवाचार करें- CM Yogi Adityanath
CM Yogi Adityanath ने भी कहा कि इस क्षेत्र को तकनीक-सक्षम बनाने के लिए सभी ईंट भट्ठा संचालकों से मिलकर नवाचारों में शामिल होना चाहिए। खनिज परिवहन के लिए केवल मानक जीपीएस और वीटीएस मॉड्यूल से वास्तविक समय ट्रैक वाले वाहन स्वीकार किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस और संचालित पट्टों की निगरानी के माध्यम से खनन के वास्तविक आंकलन की प्रक्रिया को और गति दी जाए।
CM Yogi Adityanath ने कहा कि जिला खनन निधि को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, खेल मैदानों की स्थापना, स्वास्थ्य, कौशल प्रशिक्षण और जल-ऊर्जा संरक्षण के लिए प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज राजस्व में वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक औसतन 18.14% की वार्षिक वृद्धि हुई है। मुख्य खनिजों ने वर्ष 2024–25 में ₹608.11 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया, लेकिन वर्ष 2025–26 में केवल ₹623 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया, जो इस क्षेत्र की निरंतर प्रगति और विभाग की क्षमता को दर्शाता है।
कंपोजिट लाइसेंस प्रक्रिया को तेज करें
मुख्यमंत्री को बताया गया कि लौह अयस्क, स्वर्ण और फॉस्फोराइट जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के पट्टों को हाल के वर्षों में सफलतापूर्वक बेच दिया गया है। उन्होंने कहा कि कंपोजिट लाइसेंस प्रक्रिया को और तेज किया जाए, संभावित खनन क्षेत्रों की पहचान की जाए और भू-वैज्ञानिक रिपोर्टों की जल्दी तैयारी की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जेएसडब्ल्यू, अडानी ग्रुप, टाटा स्टील और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी बड़ी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करने में गहरी रुचि दिखा रही हैं, क्योंकि स्पष्ट, पारदर्शी और प्रोत्साहक नीतियों का पालन किया जा रहा है। राज्य को स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स (एसएमआरआई ) में शीर्ष स्थान दिलाने के लिए विभाग ने सत्तर से अधिक उप-संकेतकों पर कड़ी मेहनत की है। राज्य के सभी खनन जिलों में पूरी तरह से “माइन सर्विलांस सिस्टम” लागू हो गया है, इससे औसत पर्यावरणीय मंजूरियों की अवधि में काफी सुधार हुआ है और नियामकीय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसएमआरआई में “कैटेगरी-ए” की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक समय सीमा में बाकी सुधारों को पूरा किया जाए।
खास
अब तक 57 तकनीक-सक्षम चेकगेट्स स्थापित किए जा चुके हैं,
21,477 वाहन काली सूची में डाले गए हैं
ड्रोन सर्वेक्षण से 2024 से अब तक 99 संभावित खनन क्षेत्रों की पहचान
इनमें से 23 खनन के योग्य पाए गए हैं।
ईंट भट्ठों से वर्ष 2024-25 में ₹258.61 करोड़
वर्ष 2025-26 में अब तक ₹70.80 करोड़ का राजस्व
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