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पंजाब की विरासत पर भाजपा का हमला! AAP सांसद बोले- यूनिवर्सिटी की सैनेट को ये नोटिफिकेशन भंग नहीं कर सकता, “पंजाब नहीं दबेगा”

AAP का आरोप है कि ये कोई प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है जिसके ज़रिए BJP पंजाब की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है।

केंद्र की BJP सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी की सैनेट को अचानक भंग करने का नोटिफिकेशन जारी कर पंजाब की छाती पर मूंग दलने की कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP ने ऐसा पलटवार किया कि दिल्ली की गद्दियां हिल गई। चंडीगढ़ और पूरे पंजाब में ASAP के हज़ारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर BJP को खुली चुनौती दे दी – “पंजाब दबेगा नहीं!” अब ये सिर्फ यूनिवर्सिटी का मसला नहीं रहा, ये पंजाब की आन-बान-शान की लड़ाई बन गई है।

मंगलवार को चंडीगढ़ की सड़कों पर जो नज़ारा दिखा, वो पंजाब की ताकत का सबूत था। ASAP के छात्रों और AAP कार्यकर्ताओं ने BJP सरकार के खिलाफ इतना ज़ोरदार प्रदर्शन किया कि केंद्र सरकार तक खबर गई कि पंजाब एक है। नारों की गूंज थी – “पंजाब के हक की लूट नहीं चलेगी!” हज़ारों नौजवान एक साथ खड़े होकर चीख-चीखकर कह रहे थे कि पंजाब यूनिवर्सिटी हमारी विरासत है, इस पर किसी बाहरी ताकत का कब्जा नहीं चलेगा। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था – “धक्के से नहीं, पंजाब की संस्थाएं तुम्हारी नहीं!” ये सिर्फ प्रदर्शन नहीं था, ये पंजाब का आत्मसम्मान बोल रहा था।

केंद्र सरकार ने बिना किसी पूर्व सूचना के पंजाब यूनिवर्सिटी की सैनेट को भंग करने का फरमान जारी कर दिया। AAP का आरोप है कि ये कोई प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है जिसके ज़रिए BJP पंजाब की सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है। पंजाब यूनिवर्सिटी जो 1882 से पंजाब की शैक्षणिक और सांस्कृतिक पहचान रही है, उसे अचानक टारगेट किया गया। AAP नेताओं ने कहा कि ये वही तरीका है जो BJP हर उस राज्य में अपनाती है जहां उसकी सरकार नहीं है – पहले संस्थाओं को कमज़ोर करो, फिर अपने लोग बिठा दो। लेकिन इस बार पंजाब में भगवंत मान सरकार है जो एक-एक इंच ज़मीन के लिए लड़ने को तैयार है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने BJP को सीधे-सीधे चेतावनी दी कि पंजाब के साथ धक्केशाही की भाषा नहीं चलेगी। उन्होंने कहा – “पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ एक इमारत नहीं, ये पंजाब की आत्मा है। यहां से भगत सिंह जैसे क्रांतिकारी निकले, यहां से पंजाब को नेतृत्व मिला। इस संस्था को संभालना हमारा फ़र्ज़ है और इसकी रक्षा करना हमारा धर्म।” CM मान ने साफ कर दिया कि पंजाब सरकार इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगी और जो भी कदम उठाना पड़ेगा, वो उठाया जाएगा। उनका संदेश था – “BJP ने गलत राज्य को टारगेट किया है। पंजाब वो धरती है जो झुकती नहीं, दबती नहीं, और अपने हक के लिए आखिरी सांस तक लड़ती है।”

पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़े हर कॉलेज में ASAP के छात्रों ने धरना दिया। पटियाला, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, बठिंडा – हर शहर में नौजवान सड़कों पर उतर आए। कैंपस में विरोध सभाएं हुईं। छात्रों का कहना था कि अगर आज पंजाब यूनिवर्सिटी को चुपचाप जाने दिया तो कल हमारे बाकी संस्थानों पर भी कब्जा होगा। एक छात्र नेता ने कहा – “हम पंजाब की नई पीढ़ी है और हमें पता है कि अपने हक कैसे लेने है। BJP सोच रही होगी कि छात्र क्या बिगाड़ लेंगे, लेकिन हम दिखा देंगे कि नौजवान जब जाग जाते है तो सरकारें बदल जाती है।”

आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जन-आंदोलन बना दिया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने प्रदर्शनों में शामिल होकर छात्रों का हौसला बढ़ाया और साफ संदेश दिया कि पंजाब सरकार अपने लोगों के साथ खड़ी है। AAP चंडीगढ़ इकाई के प्रमुख ने कहा – “ये लड़ाई सिर्फ AAP की नहीं, ये पूरे पंजाब की लड़ाई है। हम अपनी यूनिवर्सिटी को किसी की लूट का शिकार नहीं होने देंगे। BJP को लगता है कि केंद्र में सरकार है तो वो कुछ भी कर सकती है, लेकिन पंजाब में जनता और जनता की सरकार दोनों एक है।” पार्टी ने सोशल मीडिया पर भी ज़ोरदार कैंपेन चलाया और #SavePunjabUniversity ट्रेंड कर दिया।

आम आदमी पार्टी के स्टूडेंट विंग ASAP ने साबित कर दिया कि पंजाब का युवा अब चुप बैठने वाला नहीं है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने पूरी रणनीति के साथ प्रदर्शन किया – अनुशासित, शांतिपूर्ण लेकिन दमदार। ASAP के राज्य अध्यक्ष ने कहा – “हम वो पीढ़ी है जो अपने हक मांगती नहीं, छीनती है। BJP ने सोचा होगा कि युवा सिर्फ सोशल मीडिया पर शोर मचाते है, लेकिन हमने दिखा दिया कि जब बात पंजाब की आती है तो हम सड़कों पर भी उतर आते है।” ASAP ने ऐलान किया कि अगर तीन दिन में सैनेट भंग करने का फैसला वापस नहीं लिया गया तो पूरे पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा। छात्रों की इस एकता और जुझारूपन ने AAP को भी नया जोश दिया है।

पंजाब यूनिवर्सिटी का इतिहास पंजाब के संघर्ष का इतिहास है। यहां से शहीद भगत सिंह, सुखदेव जैसे क्रांतिकारी निकले, यहां से पंजाब को बुद्धिजीवी और नेता मिले। ये संस्था पंजाब की पहचान है और इस पर कब्जे की कोशिश पंजाब की आत्मा पर हमला है। AAP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा – “BJP को समझना चाहिए कि पंजाब वो जमीन है जहां अधिकारों के लिए लड़ना खून में है। यहां के लोग अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना जानते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी को छूने की कोशिश करना मतलब पूरे पंजाब को चुनौती देना है।” इसीलिए ये मुद्दा सिर्फ शैक्षणिक नहीं रह गया, ये पंजाब की स्वायत्तता और सम्मान का सवाल बन गया है।

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आम आदमी पार्टी ने BJP को आखिरी चेतावनी दी है कि धक्के से पंजाब की संस्थाओं पर कब्जा करने की कोशिश नाकाम रहेगी। पार्टी प्रवक्ता ने कहा – “हम कोई कमजोर सरकार नहीं है जो दबाव में आ जाएं। पंजाब की जनता ने हमें इसलिए चुना है क्योंकि हम उनके हकों के लिए लड़ने का दम रखते है। BJP को लगता है कि केंद्र में ताकत है तो कुछ भी कर लेंगे, लेकिन पंजाब में लोकतंत्र है और यहां जनता की आवाज सबसे ऊपर है।” AAP ने ये भी साफ कर दिया कि अगर मामला नहीं सुलझा तो ये आंदोलन और तेज होगा। पार्टी ने कहा कि पंजाब के हर छात्र, शिक्षक, और नागरिक को साथ लेकर ये लड़ाई लड़ी जाएगी। संदेश साफ था – “पंजाब दबाया नहीं जा सकता, और ना ही कभी दबेगा!”

अगर केंद्र सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो पंजाब में तूफान आने वाला है। AAP ने संकेत दे दिए है कि अगले चरण में और बड़े प्रदर्शन होंगे, पूरे पंजाब में जन-जागरण अभियान चलेगा। पंजाब के बुद्धिजीवी, लेखक, कलाकार भी इस मुद्दे पर एकजुट हो रहे है। सोशल मीडिया पर पंजाबी डायस्पोरा भी अपनी आवाज उठा रहा है। ये सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं रह गई, ये पंजाब की अस्मिता की लड़ाई बन चुकी है। और जब पंजाब अपने हक के लिए लड़ता है, तो इतिहास गवाह है कि वो जीतता है। BJP को समझना होगा कि -पंजाब दबाया नहीं जा सकता!

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