
CM Rekha Gupta: दिल्ली में बीजेपी सरकार, पिछली आम आदमी पार्टी सरकार की तरह, बोर्डों, समितियों और अन्य संस्थाओं में मनोनीत सदस्यों की नियुक्तियों को रद्द करने की योजना बना रही है।
CM Rekha Gupta: दिल्ली में बीजेपी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठाती है। वर्तमान आम आदमी पार्टी सरकार ने कई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। इनमें दिल्ली सरकार की समितियों और अन्य बोर्डों में चुने गए लोगों के नाम हैं।
सूत्रों ने बताया दिल्ली सरकार ने बोर्डों, समितियों और आम आदमी पार्टी सरकार में अन्य संवैधानिक संस्थाओं की नियुक्तियों को रद्द करने का निर्णय लिया है।
बीजेपी सरकार का सबसे बड़ा तर्क है कि सरकार ने इन बोर्डों, समितियों और संवैधानिक संस्थाओं में अपने लोगों को नियुक्त किया था। ऐसे में ये राजनैतिक नियुक्तियां थीं, जिसे जारी रखने के बजाए इन सदस्यों और पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त करना चाहिए था।
इन अकादमियों पर सीधा प्रभाव
दिल्ली सरकार जल बोर्ड, पशु कल्याण बोर्ड, तीर्थ यात्रा विकास समिति, उर्स समिति, हिंदी अकादमी, उर्दू अकादमी, साहित्य कला परिषद, पंजाबी अकादमी, संस्कृत अकादमी सहित कई सरकारी संस्थाओं में सदस्यों या पदाधिकारियों को नियुक्त करती है, जहां अब राजनैतिक नियुक्तियां नहीं होती हैं।
उदाहरण के लिए, पिछले वर्ष आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायक पवन राणा को दिल्ली जल बोर्ड का अध्यक्ष बनाया था। आप विधायक विनय मिश्रा को वाईस चेयरमैन बनाया गया। दिल्ली हज कमेटी में हाजी यूनुस और पूर्व आप विधायक अब्दुल रहमान भी सदस्य मनोनीत हैं। पिछली सरकार ने आप विधायक जरनैल सिंह को पंजाबी अकादमी का वाइस चेयरमैन नियुक्त किया था।
दिल्ली की राजनीति में अस्थिरता बढ़ सकती है
ऐसे में दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया कि सभी सरकारी संस्थाओं में पूर्ववर्ती सरकार की राजनैतिक नियुक्तियों को रद्द कर दी जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस फैसले से राजधानी की राजनीति में कुछ नया हो सकता है।
आशंका जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताकर जनता के बीच प्रमुख मुद्दा बना सकती है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह फैसला आने वाले समय में दिल्ली की राजनीतिक धारा को किस दिशा में ले जाता है.