
राम कपूर ने दीपिका पादुकोण की 8 घंटे वर्क शिफ्ट डिमांड पर प्रतिक्रिया दी। जानिए राम कपूर ने क्या कहा, और क्यों इंडस्ट्री में सफलता मिलने पर मिलती है ये आज़ादी।
टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता राम कपूर इन दिनों अपने नए शो मिस्त्री को लेकर चर्चा में हैं। शो में उनकी एक्टिंग को दर्शकों ने खूब सराहा है। हाल ही में राम कपूर से बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण की 8 घंटे की वर्किंग शिफ्ट डिमांड पर उनका रिएक्शन मांगा गया, जो फिल्म स्पिरिट छोड़ने की वजह बनी थी। राम कपूर ने इस मामले में अपनी सहज और अनुभव आधारित राय दी है।
राम कपूर ने दीपिका पादुकोण की प्रतिक्रिया कहा
राम कपूर ने इंटरव्यू में कहा, “जब आपको इंडस्ट्री में सफलता मिल जाती है, चाहे आप स्टार हों या अभिनेता, और लोग आपके साथ काम करना चाहते हैं, तो आप उस स्थिति में पहुंच जाते हैं जहां आप तय कर सकते हैं कि आपको कितने घंटे काम करना है।” उन्होंने बताया कि वह भी इतने वर्षों के काम के बाद खुद को उस पोजीशन पर मानते हैं जहां वे अपने वर्किंग घंटों का चयन कर सकते हैं।
राम ने आगे कहा, “मैं टीवी इंडस्ट्री में लंबे समय से काम कर रहा हूं। जब मैं टीवी पर था, तो मैं खुद ही तय करता था कि कितने घंटे काम करना है। मैं खुद को बहुत खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे ये आज़ादी मिली है।”
उन्होंने इंडस्ट्री की चुनौतियों पर भी बात की और बताया कि टीवी की दुनिया में लगातार काम करना कितना मुश्किल होता है। राम ने कहा, “टीवी इंडस्ट्री में नॉन-स्टॉप काम होता है, कोई सीजन नहीं होते। कई बार 3-4 या 5 साल तक रोजाना काम करना पड़ता है। मिस्त्री के दौरान एक दिन मैंने 14-16 घंटे काम किया, लेकिन शूटिंग सिर्फ चार महीने की थी। मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि मैं अपने काम को अच्छी तरह से कर पा रहा हूं।”
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दूसरी ओर, दीपिका पादुकोण की 8 घंटे शिफ्ट डिमांड काफी चर्चा में रही। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने फिल्म स्पिरिट के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा से 8 घंटे की शूटिंग शिफ्ट और प्रॉफिट शेयरिंग को लेकर अपनी मांग रखी थी, जिससे निर्देशक असहमत थे और उन्होंने दीपिका को फिल्म से हटाने का फैसला किया। इसके बाद तृप्ति डिमरी को फिल्म में शामिल किया गया है, जो प्रभास के साथ मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
राम कपूर की बातों से साफ होता है कि इंडस्ट्री में सफलता के साथ कलाकारों को अपनी शर्तें तय करने का हक मिल जाता है, लेकिन इसके लिए मेहनत और समर्पण जरूरी है। साथ ही, ये भी समझना जरूरी है कि यह क्षेत्र चुनौतियों से भरा हुआ है, जहां काम का दबाव बहुत होता है।
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