Kailash Mansarovar Yatra: इन तीन धर्मों के लोग भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा करते हैं, अलग-अलग मान्यताएं हैं

Kailash Mansarovar Yatra: हिंदूओं के लिए कैलाश का विशेष महत्व है क्योंकि यह भगवान शिव का स्थान है। हिंदूओं के अलावा कई अन्य धर्मों ने इस जगह को पवित्र माना है।
Kailash Mansarovar Yatra: 5 वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में फिर से शुरू होगी। इस धार्मिक यात्रा को जून के अंतिम सप्ताह से शुरू किया जाएगा। कैलाश पर्वत को भगवान शिव का जन्मस्थान मानते हैं। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भोले शंकर यहां अपने परिवार के साथ रहते हैं, और इस स्थान पर आध्यात्मिक ऊर्जा शिवजी के प्रभाव से है। इसलिए हिंदुओं के लिए कैलाश मानसरोवर की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्मों के लोग भी इस पवित्र स्थान की यात्रा करते हैं। यह स्थान बौद्ध, सिख और जैन धर्मों में भी बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन उनके विचार अलग हैं। विभिन्न धर्मों के लोगों का एकमत है कि कैलाश आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है।
बौद्ध धर्म में कैलाश पर्वत का महत्व
बौद्धों का मानना है कि कैलाश पर्वत ब्रह्मांड की आध्यात्मिक केंद्रभूमि है। बौद्धों और हिंदूओं दोनों के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण है। बौद्ध धर्म का मानना है कि कैलाश बोधिसत्व का स्थान है। बौद्ध लोग कैलाश को “ओम मणि पद्मे हूँ” मंत्र का केंद्र मानते हैं। यह मंत्र ज्ञान और करुणा का प्रतीक है। इस स्थान पर बौद्ध लोग साधना करते हैं और पारलौकिक अनुभव प्राप्त करते हैं।
जैन धर्म में कैलाश पर्वत का महत्व
जैन धर्म के लोग भी कैलाश पर्वत चढ़ते हैं। जैन धर्म में भी इसे आध्यात्मिकता और आस्था का केंद्र माना जाता है। जैन लोग कैलाश को अष्टपद पर्वत भी कहते हैं। माना जाता है कि जैन धर्म के संस्थापक ऋषभ देव ने इसी स्थान पर तप किया था और यहीं मोक्ष प्राप्त करके जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाई थी।
कैलाश पर्वत का सिख धर्म में महत्व
कैलाश पर्वत को सिख धर्म में भी बहुत पवित्र स्थान माना जाता है। माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु श्री नानक देव ने भी कैलाश पर्वत की यात्रा की थी। कैलाश पर्वत आकर यहां की ऊर्जा से वो प्रभावित हुए थे और इस स्थान पर ध्यान लगाया था।
बौद्ध धर्म में कैलाश पर्वत का महत्व
कैलाश को तिब्बत का प्राचीन बॉन धर्म भी धार्मिक स्थान मानता है। यह धर्म तिब्बत में बौद्ध धर्म से पहले था। बौद्ध धर्म में कैलाश को सिपाईमेन (आकाश की देवी) का निवास स्थान माना गया है।
देश-विदेश से आते हैं यहां श्रद्दालु
हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और बॉन धर्म को मानने वाले लोगों के साथ ही अन्य धर्मों के लोग भी कैलाश की यात्रा करते हैं। कैलाश के रहस्य, यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा हर किसी को अपनी ओर खींचती है। आम लोगों के साथ ही वैज्ञानिक भी कैलाश से जुड़े रहस्यों को जानने के लिए यहां पहुंचते हैं।