Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी कब हैं? सही दिनांक, शुभ मुहूर्त और महत्व को यहाँ जानें

Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी वर्ष की सभी चौबीस एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण है। जो लोग पूरे साल एकादशी का व्रत नहीं रख पाते हैं वो निर्जला एकादशी का व्रत कर के शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं।
Nirjala Ekadashi 2025: कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में प्रत्येक महीने दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी व्रत रखा जाता है। लेकिन मलमास या अधिकमास में एकादशी की संख्या 24 से 26 बढ़ जाती है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आने वाली निर्जला एकादशी व्रत का सभी एकादशियों में विशेष महत्व है। इस व्रत को बिना अन्न और जल के किया जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत काफी कठिन माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि साल 2025 में निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा।
निर्जला एकादशी 2025 व्रत डेट
इस वर्ष निर्जला एकादशी का व्रत दो दिन रखा जाएगा, जैसा कि पंचांग बताता है। 6 जून को गृहस्थ जन निर्जला एकादशी का व्रत रखेंगे, जबकि 7 जून को वैष्णव जन व्रत रखेंगे। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी या भीम एकादशी भी कहते हैं। कहते हैं कि जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता है, वह इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशियों का लाभ उठा सकता है।
निर्जला एकादशी 2025 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 6 जून शुक्रवार को तड़के 2 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। एकादशी तिथि 7 जून को सुबह 4 बजे 47 मिनट पर समाप्त होगी। 6 जून को निर्जला एकादशी का व्रत मनाया जाएगा। वहीं 7 जून 2025 को निर्जला एकादशी का पारण होगा। पारण का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शाम 4 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
निर्जला एकादशी व्रत का महत्व
साल की हर एकादशी से निर्जला एकादशी सबसे महत्वपूर्ण है। निर्जला एकादशी पर भोजन और पानी के बिना उपवास किया जाता है। नियमित उपवास के कारण निर्जला एकादशी व्रत सबसे कठिन है। इस व्रत को करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और श्रीहरि विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।