मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया क्यों जल्दी समाप्त हो जाते हैं पाकिस्तान जैसे देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज की 56वीं एवं महंत अवेद्यनाथ महाराज की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में राष्ट्रीय सुरक्षा और समसामयिक विषयों पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र तभी सुरक्षित रह सकता है जब उसके नागरिकों का संरक्षण हो और दुष्टों का संहार हो। योगी आदित्यनाथ ने आचार्य चाणक्य के उद्धरण का हवाला देते हुए बताया कि बाहरी रूप से सुरक्षित लेकिन आंतरिक रूप से असुरक्षित राष्ट्र को अराजक राष्ट्र माना जाता है, जो जल्दी समाप्त हो जाता है। उन्होंने पाकिस्तान को इसी प्रकार के अराजक राष्ट्र का उदाहरण बताया जो आंतरिक अस्थिरता के कारण कमजोर हो चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अराजकता किसी भी राष्ट्र को पतन की ओर ले जाती है, जबकि भारत प्राचीन काल से ही सुरक्षा और स्थिरता पर सजग रहा है। उन्होंने रामायण काल के श्रीराम के ‘निसिचर हीन करहुं महि’ संकल्प और भगवान श्रीकृष्ण के ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्’ के उद्धरणों के माध्यम से कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में नागरिकों की रक्षा और दुष्टों का संहार आवश्यक है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेना के जवानों के बलिदान और देश की रक्षा में उनके योगदान को भी सराहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में सेना के प्रति सम्मान का संकल्प भी शामिल है। वर्तमान युद्ध के स्वरूप बदलने के बावजूद भारतीय सेना ने सीमाओं पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
संगोष्ठी में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों, युद्ध के नए स्वरूप और तकनीकी युद्ध की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि सीमा विवाद, प्रॉक्सी वार और आतंकवाद भारत की सुरक्षा के प्रमुख खतरे हैं। उन्होंने पीएम मोदी के ‘सुदर्शन चक्र’ वायु रक्षा प्रणाली की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि यह प्रणाली देश की तलवार और ढाल दोनों का काम करेगी।
योगी आदित्यनाथ ने साथ ही ब्रह्मलीन महंतदिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के राष्ट्र सेवा में योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका जीवन भारत और भारतीयता के लिए समर्पित था। उन्होंने देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर याद किया और शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ, जो देश की समृद्धि और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
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