Vishwakarma Puja 2025 कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और महत्व
Vishwakarma Puja 2025: भगवान विश्वकर्मा की पूजा क्यों की जाती है? जानें पूजा विधि, महत्व और कैसे यह पर्व श्रमिकों और कारीगरों के लिए है खास।
Vishwakarma Puja 2025 Date & Importance: हर साल भगवान विश्वकर्मा की पूजा कन्या संक्रांति के दिन पूरे देश में श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है। यह पर्व विशेष रूप से कारीगरों, श्रमिकों, इंजीनियरों और उद्योगों से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। वVishwakarma Puja 2025, 17 सितंबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन को देव शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
विश्वकर्मा पूजा 2025 कब है? (Vishwakarma Puja 2025 Kab Hai)
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर 2025 को देर रात 12:21 बजे शुरू होकर उसी दिन रात 11:39 बजे समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि (दिन की शुरुआत) के अनुसार Vishwakarma Puja 2025 17 सितंबर को ही मनाई जाएगी। इसी दिन सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है, जिसे कन्या संक्रांति कहा जाता है।
विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja 2025 Vidhi)
विश्वकर्मा पूजा के दिन खास रूप से मशीनों, औजारों और कार्यस्थलों की पूजा की जाती है। पूजा विधि निम्नलिखित है:
साफ-सफाई: पूजा से पहले मशीनों, औजारों और कार्यस्थल की पूरी सफाई करें।
स्नान और वस्त्र: स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
संकल्प और आह्वान: पूजा का संकल्प लें और भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें।
पूजन सामग्री: अक्षत, फूल, चंदन, रोली, धूप, दीप, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), मिठाई और फल आदि तैयार रखें।
पूजन प्रक्रिया: भगवान को फूल, रोली, चंदन अर्पित करें, औजारों पर तिलक लगाएं, आरती करें और “ॐ श्री विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का जाप करें।
प्रसाद वितरण: अंत में प्रसाद सभी में बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें।
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विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Vishwakarma Jayanti Significance)
भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का पहला वास्तुकार और देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार:
उन्होंने स्वर्ग लोक, द्वारका नगरी, इंद्र का वज्र, शिव का त्रिशूल और विष्णु का सुदर्शन चक्र जैसे दिव्य शस्त्रों और नगरीयों का निर्माण किया।
इस दिन मशीनों, औजारों और सभी उपकरणों की पूजा कर उनका सम्मान किया जाता है।
यह पर्व श्रमिकों और कारीगरों के श्रम की सराहना का प्रतीक है।
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा से धन, समृद्धि और कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
क्यों खास है Vishwakarma Puja?
यह पर्व समाज को यह संदेश देता है कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता। श्रम और कौशल का सम्मान करना ही विश्वकर्मा पूजा का मुख्य उद्देश्य है। यही कारण है कि यह पर्व फैक्ट्रियों, वर्कशॉप्स, निर्माण स्थलों, शैक्षणिक संस्थानों और ऑफिसों तक में बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
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