
थिएटर रिलीज के सपने अधूरे रह गए
‘LAC बैटल ऑफ गलवान’ की शूटिंग नवंबर 2020 में पूरी हुई थी, और इसे जून 2022 में CBFC के पास सबमिट किया गया था। नितिन कुमार गुप्ता ने बताया कि वे चाहते थे कि यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो ताकि शहीदों के परिवार के लोग भी इसे बड़े पर्दे पर देख सकें। लेकिन CBFC की तरफ से लगातार जवाब न मिलने के कारण यह संभव नहीं हो पाया।
CBFC ने दिए कई बदलाव के सुझाव
डायरेक्टर के मुताबिक, CBFC ने इस फिल्म को लेकर कई बदलाव सुझाए थे। इसमें सबसे अहम था फिल्म के नाम से ‘LAC’ हटाने का निर्देश, साथ ही असली जगहों के रिफरेंस को हटाना और हिंसा को लगभग 33 प्रतिशत तक कम करना शामिल था। सबसे दर्दनाक बात थी CBFC का यह निर्देश कि फिल्म के एंड क्रेडिट्स से गलवान में शहीद हुए 20 असली जवानों की तस्वीरें हटानी होंगी। यह सब देखकर डायरेक्टर काफी निराश हुए।
तीन साल बाद भी नहीं मिला सीबीएफसी से जवाब
फिल्म में आवश्यक बदलाव कर 2022 के सितंबर में CBFC को फिर से सबमिट किया गया, लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। नितिन कुमार ने बताया, “मैंने तीन साल तक हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।”
डिजिटल राइट्स विक्रम जाधव के पास हैं, जो एक अमेरिकी नागरिक हैं। उन्होंने फिल्म को यूट्यूब पर रिलीज करने का निर्णय लिया ताकि यह कहानी जनता तक पहुंच सके।
सलमान खान की फिल्म की चर्चा के बीच यूं बनी चर्चा में यह फिल्म
सलमान खान की ‘बैटल ऑफ गलवान’ का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं, ‘LAC बैटल ऑफ गलवान’ की यूट्यूब पर रिलीज के बाद यह फिल्म भी चर्चा में आ गई है।
सलमान की फिल्म के ट्रेलर और उनके शारीरिक रूपांतरण ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है, लेकिन नितिन कुमार गुप्ता की फिल्म ने भी दर्शकों को गलवान की सच्चाई से रूबरू कराने का प्रयास किया है।
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