मसूरी गोलीकांड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों के परिजनों के लिए की पेंशन की घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी गोलीकांड की 31वीं बरसी पर मंगलवार को आंदोलनकारियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों के लिए मासिक पेंशन की शुरुआत की। यह गोलीकांड 1994 में हुआ था, जब राज्य आंदोलनकारियों ने उत्तराखंड के गठन की मांग की थी।
मसूरी में आयोजित कार्यक्रम में सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार उन आंदोलनकारियों के सपनों को साकार करने के लिए निरंतर काम कर रही है, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर उत्तराखंड को अस्तित्व में लाया। उन्होंने बलबीर सिंह नेगी, बेलमती चौहान, हंसा धनई, धनपत सिंह, राय सिंह बंगारी और मदन मोहन ममगाई सहित सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
सीएम ने कहा, “उनके बलिदान के बिना उत्तराखंड का निर्माण संभव नहीं था। यह गोलीकांड उस समय की दमनकारी नीतियों का प्रतीक था, जिसने एक शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक रूप से दबाने की कोशिश की।” उन्होंने यह भी बताया कि आंदोलनकारियों के लिए सरकारी नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण लागू किया गया है, जिससे उनके परिवारों को फायदा होगा। इसके अलावा, चिन्हित आंदोलनकारियों के विधवाओं और तलाकशुदा बेटियों को भी इस आरक्षण का लाभ मिलेगा।
सीएम धामी ने पेंशन की घोषणा करते हुए कहा कि आंदोलनकारियों के परिवारों को ₹3000 मासिक पेंशन दी जाएगी। घायल और जेल में रहे आंदोलनकारियों को ₹6000 तथा सक्रिय आंदोलनकारियों को ₹4500 पेंशन मिलेगी। इसके साथ ही चिन्हित आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें से 93 को सरकारी नौकरी भी दी गई है।
सरकार ने आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने और उनके बच्चों को मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है। सीएम ने कहा कि समान नागरिक संहिता (UCC) के कार्यान्वयन से उत्तराखंड में सभी नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य समान होंगे, जिससे राज्य की संस्कृति और परंपराएं संरक्षित रहेंगी।
यह पहल उत्तराखंड सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो राज्य आंदोलनकारियों के योगदान को सम्मान देने और उनके परिवारों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है।
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