Ayurvedic Medicine For Diabetes: ये फल बिना बोए ही उगते हैं, डायबिटीज की आयुर्वेदिक दवा में काम आते हैं, जानिए कैसे इस्तेमाल करें?

Ayurvedic Medicine For Diabetes: रेगिस्तान में एक फल उगता है जो डायबिटीज में दवा का काम करता है, कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी इसका उपयोग होता है। ये फल खेतों और जंगलों में बिना बोए ही उग जाते हैं। जानिए इसके लाभ।
Ayurvedic Medicine For Diabetes: लोग कई जंगली फलों और खरपतवारों के औषधीय गुणों से अनजान हैं। तुंबा ऐसा ही फल है जो रेगिस्तानों और रेतीले जंगलों में उगता है। तुंबा स्वाद में खीरा लगता है। रेगिस्तान में रहने वाले जानवर पानी से भरपूर इन फलों से प्यास बुझाते हैं। तुंबा, हालांकि, कई गुणों से भरपूर है। इस फल को डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए भी खाया जाता है। इस फल को खाने से शरीर की इंसुलिन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लेकिन किसान इसे व्यर्थ समझकर खेतों से उखाडकर फेंक देते हैं। आइये जानते हैं तुंबा को शुगर में कैसे प्रयोग किया जाता है और इसके क्या लाभ हैं?
तुम्बा फल मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है, जैसा कि फार्मास्युटिकल एंड केमिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन ने बताया है। इस फल का सेवन इंसुलिन को बढ़ाता है। तुंबा की जड़, पत्ते, फल और बीज को कई औषधियों में उपयोग किया जाता है।
तुंबा डायबिटीज नियंत्रण में प्रभावी है
सोशल मीडिया पर खुद को वैद्य बताने वाले जगदीश सुमन का कहना है कि डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए सौंठ और तुम्बा को बराबर मात्रा में मिलाकर लेना चाहिए। दोनों को मिक्सी में मिलाकर बारीक पाउडर बना लें। अब हथेली पर पानी और पाउडर मिलाकर पेस्ट बना लें। अब अपनी नाभि पर पेस्ट लगाएँ। किसी भी समय इसे लगा सकते हैं। नाभि पर इस पेस्ट को 8 से 10 घंटे लगाकर रखें। इससे शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
तुंबा की औषधीय महत्व क्या है?
तुंबा का इस्तामल कई बीमारियों का उपचार है। माना जाता है कि तुंबा को सुखाकर-पीसकर चूर्ण बनाया जाता है। तुंबा का पाउडर खाने से कब्ज नहीं होता। इसका उपयोग शुगर और पीलिया को कम करता है। तुंबा का पाउडर खाने से मानसिक तनाव, पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं। तुंबा से आयुर्वेदिक दवाएं बनाकर रेचक और गुल्म, पित्त, पेट रोग, कफ, कुष्ठ और बुखार में इस्तेमाल किया जाता है।