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धर्म

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग – दक्षिण भारत का वह पवित्र स्थल जिसे भगवान राम ने स्थापित किया, जानें इतिहास, धार्मिक महत्व

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, जिसे स्वयं भगवान राम ने स्थापित किया, दर्शन करने से मिलती है विशेष पुण्य की प्राप्ति। जानें इसका इतिहास, धार्मिक महत्व और दर्शन की जानकारी।

भारत में धार्मिक स्थलों का विशेष महत्व है, और रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दक्षिण भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है। यह ज्योतिर्लिंग चार धामों में शामिल रामेश्वर धाम का हिस्सा है और इसे भगवान राम द्वारा स्थापित किया गया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर युद्ध से पहले समुद्र तट पर शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शिव की पूजा की थी।

रामेश्वरम का धार्मिक महत्व

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का प्राचीन नाम गंधमादन है। जैसे उत्तर भारत में काशी का विशेष स्थान है, वैसे ही दक्षिण भारत में रामेश्वरम का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह स्थल चेन्नई से लगभग 425 मील की दूरी पर स्थित है और इसे पहुंचने के लिए समुद्र पर बने 145 खंभों वाले ऐतिहासिक पुल का प्रयोग किया जाता है, जो लगभग सौ साल पुराना है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के दर्शन

भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान शिव की आराधना करने से जीवन में खुशहाली, समृद्धि और कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। देश भर में शिव मंदिरों की संख्या लाखों में है, लेकिन 12 ज्योतिर्लिंगों का स्थान विशेष माना जाता है। इन 12 ज्योतिर्लिंगों में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का महत्व अत्यधिक है। सावन में यहां दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना की कहानी

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान राम जब लंका पर युद्ध करने के लिए जा रहे थे, तब उन्होंने समुद्र किनारे शिवलिंग स्थापित किया और भगवान शिव की पूजा अर्चना की। यह स्थल इसलिए रामेश्वरम कहलाया, जिसका अर्थ है “राम का ईश्वर।” भगवान राम के लिए शिव भगवान उनके अराध्य देवता थे, और युद्ध से पहले उनकी कृपा प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण था।

आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग धार्मिक श्रद्धा के साथ-साथ सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह तीर्थ स्थल दक्षिण भारत के चार धामों में प्रमुख स्थान रखता है और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति का अनुभव होता है।

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