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कब रखा जाएगा हरतालिका तीज 2025, जानिए व्रत की तिथि, पूजा विधि और महत्व

हरतालिका तीज 2025 का व्रत कब रखा जाएगा। जानिए हरतालिका तीज 2025 की तिथि, पूजा विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त की पूरी जानकारी हिंदी में।

हरतालिका तीज 2025 तिथि और पूजा विधि: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज का पर्व इस वर्ष 26 अगस्त 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। इसे हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है क्योंकि इस दिन निर्जला उपवास रखा जाता है।

हरतालिका तीज 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त

  • व्रत की तिथि: 26 अगस्त 2025 (मंगलवार)

  • तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025, दोपहर 12:35 बजे

  • तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2025, दोपहर 1:55 बजे

  • व्रत का दिन (उदयकाल): 26 अगस्त को मान्य होगा

हरतालिका तीज व्रत का महत्व (Hartalika Teej Vrat Significance)

हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती द्वारा भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए किए गए कठिन तप का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता है कि माता पार्वती ने इसी दिन कठोर तपस्या कर शिवजी को प्रसन्न किया था और तभी से यह व्रत शुरू हुआ। इस दिन माता गौरी और भगवान शिव की पूजा करके स्त्रियां अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

हरतालिका तीज 2025 व्रत पूजा विधि (Hartalika Teej Vrat Puja Vidhi)

  1. प्रातः स्नान करके व्रत का संकल्प लें।

  2. घर के मंदिर या पूजा स्थल को साफ करें और उसे फूलों से सजाएं।

  3. मिट्टी या रेत से भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा (गौरी-शंकर) बनाएं।

  4. दीपक जलाएं और धूप-दीप से पूजा आरंभ करें।

  5. माता गौरी को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं जैसे:-लाल चुनरी, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां आदि।

  6. शिव-पार्वती को बेलपत्र, फल, फूल और मिठाई अर्पित करें।

  7. गौरी माता की कथा और हरतालिका तीज व्रत कथा का पाठ करें।

  8. रातभर जागरण करें और अगले दिन ब्रह्ममुहूर्त में व्रत का पारण करें।

हरतालिका तीज व्रत की विशेषता

  • इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं यानी पानी की एक बूंद तक नहीं पीतीं।

  • यह व्रत 24 घंटे से भी अधिक चलता है, जिसमें पूर्ण संयम और भक्ति से पूजा की जाती है।

  • व्रत के अंत में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

 धार्मिक मान्यताएं

  • हरतालिका तीज पर व्रत करने से अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है।

  • इस दिन मायके से आया हुआ श्रृंगार और वस्त्र पहनने की परंपरा है।

  • यह व्रत नवविवाहित कन्याओं और स्त्रियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है।

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