हरियाणा सरकार ने बंदियों के कौशल विकास के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य की पांच जेलों में कुल 12 नए कौशल विकास कोर्स शुरू किए जाएंगे, जिनमें से एक प्रमुख है तीन वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स। यह पहल बंदियों को जेल से बाहर निकलने के बाद रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करेगी।
गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट के तहत कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा
सहकारिता, कारागार, निर्वाचन, विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि गुरुग्राम जेल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तीन साल का कंप्यूटर इंजीनियरिंग डिप्लोमा प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। इस कोर्स के लिए राजकीय तकनीकी संस्थान इन्द्री (मेवात) से तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। इस डिप्लोमा को पूरा करने वाले कैदी न केवल नौकरी पा सकेंगे, बल्कि अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकेंगे और समाज में पुनः समायोजित हो सकेंगे।
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पांच जेलों में शुरू होंगे 12 नए कौशल विकास कोर्स
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केंद्रीय जेल अंबाला: पोशाक निर्माण, वेल्डर
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करनाल जेल: पोशाक निर्माण, सौंदर्य प्रसाधन
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पानीपत जेल: सिलाई प्रशिक्षण, बढ़ई
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गुरुग्राम जेल: कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, वेल्डर, प्लंबर
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फरीदाबाद जेल: कंप्यूटर ऑपरेटर, प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, इलेक्ट्रिशियन, बढ़ई
रोजगार और वित्तीय सहायता के लिए ठोस कदम
जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने बताया कि कौशल विकास के बाद बंदियों को सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार दिलाने के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) और उद्योगों के साथ समझौते किए गए हैं। इसके साथ ही श्रम विभाग की मदद से सजा पूरी कर चुके बंदियों को लोन भी दिए जाएंगे ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
अधिकारी होंगे सक्रिय
जेल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिक से अधिक बंदियों को इन औद्योगिक और तकनीकी कोर्सों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि उनकी पुनर्वास प्रक्रिया सफल हो।
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